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कासगंज केस: मायावती ने की दोषियों को सजा देने की मांग,प्रियंका बोलीं-UP नहीं सेफ

कस्टडी में युवक की मौत को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार को घेरा है.

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कासगंज (Kasganj) में 9 नवंबर को पुलिस कस्टडी में युवक की मौत को लेकर विपक्ष ने यूपी सरकार को घेरा है. यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने सरकार से मांग की है कि दोषियों को सजा दी जाए.

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कासगंज में पुलिस कस्टडी में एक और युवक की मौत अति-दुखद व शर्मनाक, सरकार घटना की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सख्त सजा दे और पीड़ित परिवार की मदद भी करे.

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्टीट कर सवाल को घेरा है.

प्रियंका गांधी ने अपने ट्टीट में लिखा है- कासगंज में अल्ताफ, आगरा में अरुण वाल्मीकि, सुल्तानपुर में राजेश कोरी की पुलिस कस्टडी में मौत जैसी घटनाओं से साफ है कि रक्षक भक्षक बन चुके हैं. पुलिस हिरासत में मौत के मामले में देश में सबसे ऊपर है. भाजपा राज में कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है। यहां कोई भी सुरक्षित नहीं है.

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समाजवादी पार्टी ने उच्च न्यायालय के एक मौजूदा न्यायाधीश से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. पार्टी ने यह भी मांग की है कि युवक के परिवार को मुआवजा दिया जाए..

क्या था मामला?

बता दें कि अहरोली में एक नाबालिग हिंदू लड़की को भगाने के मामले में आरोपी चांद मियां के बेटे अल्ताफ को पुलिस सोमवार की रात पूछताछ के लिए कासगंज कोतवाली ले गई थी. मंगलवार की रात पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई. अल्ताफ लड़की के घर में टाइल लगाने का काम कर रहा था, जहां से दोनों सोमवार को लापता हो गए थे. परिवार के सदस्यों ने अल्ताफ पर लड़की को भगाने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया और उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.

कासगंज के पुलिस अधीक्षक रोशन प्रमोद बोत्रे ने कहा कि अल्ताफ शौचालय जाना चाहता था और उसे थाने में शौचालय की सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी, लेकिन जब वह बाहर नहीं आया तो पुलिस ने वॉशरूम खोला तो उसे मृत पाया. उसे जिला अस्पताल ले जाया गया जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई. अल्ताफ का शव पोस्टमार्टम के बाद परिवार वालों को सौंप दिया गया. पीड़िता के पिता ने शुरू में गड़बड़ी का आरोप लगाया लेकिन बाद में पीछे हट गए।

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