उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज (Kasgunj) जिले के सिढ़पुरा विकास खंड से कुछ विचलित कर देनी वाले वीडियो और तस्वीरें सामने आई हैं. जिनमें ग्रामीणों ने दावा किया कि सरकारी गोशाला में कुछ गायों (Cows) को जिंदा दफनाने की कोशिश की गई. इसके साथ ही ग्रामीणों ने आरोप लगाया के गोशाला में गायों के लिए पर्याप्त चारा ना होने की वजह से गाय भूख से मर रही हैं.
मवेशियों को जिंदा दफनाने की खबर जब गांव वालों तक पहुंची तो वहां हंगामा होने लगा. कासगंज जिले के डीएम और एसडीएम के दखल के बाद मामला शांत हुआ.
भूख के कारण मरी गायें?
मामला दो दिन पुराना बताया जा रहा है. ग्रामीणों का दावा है की गोशाला में गायों के खाने के लिए न खाना था और ना पीने के लिए पानी और इन गायों को बदतर हालातों में रखा गया, ना ठीक से कोई साफ सफाई करने वाले हैं ना ही कोई इनकी सेवा करने वाला.
ग्रामीणों के अनुसार मरी हुई गायों के शव की हालत भी बेहद खराब थी और उनका आरोप है कि कुछ जिंदा गायों को भी जेसीबी की मदद से दफनाने कि तैयारी थी.
ग्रामीणों ने गायों की हालत देखकर गौशाला के कर्मचारियों को गोशाला में प्रवेश नहीं करने दिया. एसडीएम के आ जाने के काफी देर बाद मामले को शांत कराया जा सका.
पुलिस ने ग्रामीणों के आरोपों को नकारा
ग्रामीणों के ज्यादातर दावों को उत्तर प्रदेश प्रशासन ने गलत और बेबुनियाद बताया. क्विंट से बातचीत के दौरान कासगंज की जिलाधिकारी हर्षिता मथुरा ने ग्रामीणों के गायों के जिंदा दफनाने के दावे को गलत बताया. इसके साथ ही उन्होंने कहा,
"जो डॉक्टर्स ने रिपोर्ट दी है उसके अनुसार यह नेचुरल डेथ थी. उसके अलावा चार गायें गंभीर रूप से बीमार थी"हर्षिता मथुरा, जिलाधिकारी कासगंज
गायों को जिंदा दफनाने के आरोप पर कासगंज जिलाधिकारी, हर्षिता मथुरा ने क्विंट को बताया कि, "नहीं ऐसा कुछ होने की पुष्टि नहीं हुई बल्कि रात तक मैं स्तिथि की मॉनिटिरिंग कर रही थी.
उन्होंने बताया कि साफ सफाई की कमी जरूर थी, बाकी गायों के खाने पीने की कोई परेशानी नहीं थी. बीमार गायों के लिए डॉक्टर्स को नियुक्त किया गया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)