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काशी विश्वनाथ धाम का नया अवतार: 7 तरह के पत्थर,7 भव्य द्वार, सारी बड़ी बातें

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी पर दो घाटों को जोड़ेगा

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भारत
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वीडियो इनपुट: पीयूष राय

वीडियो एडिटर: कनिष्क दांगी

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सात भव्य प्रवेश द्वार, एक कैफेटेरिया, एक फूड कोर्ट, एक वैदिक और आध्यात्मिक पुस्तकालय, एक वर्चुअल गैलरी, एक पर्यटन केंद्र, एक बहुउद्देश्यीय हॉल और एक सुरक्षा हॉल- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) उद्घाटन के लिए तैयार है.

आगामी विधानसभा चुनाव के पहले उत्तरप्रदेश में उद्घाटनों की बहार है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार, 13 दिसंबर को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में 150 मीटर लंबे और 50 फीट चौड़े काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन करने जा रहे हैं. इसकी जानकारी प्रधानमंत्री कार्यालय ने दी है.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भगवान शिव को समर्पित प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर और गंगा नदी पर दो घाटों को जोड़ेगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में क्या है ?

लकड़ियों के विशाल दरवाजों पर खूबसूरत कारीगरी, पत्थरों पर महीन नक्काशी और शाम होते ही रंग-बिरंगी लाइट्स से जगमगाते लगभग 54 हजार वर्गमीटर में फैला है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर. जब से पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कॉरिडोर की नींव रखी, तब से इस परियोजना के लिए जगह बनाने के लिए 300 से अधिक इमारतों को खरीदा और ध्वस्त किया गया है.

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परियोजना के वास्तुकार (आर्टिटेक) बिमल पटेल का कहना है कि कॉरिडोर में काशी विश्वनाथ मंदिर की मूल संरचना के साथ छेड़छाड़ किए बिना पर्यटकों के लिए सुविधाओं को बढ़ाया गया है.

कॉरिडोर में मकराना मार्बल, चुनार के लाल बलुआ पत्थर समेत सात तरीके के विशेष पत्थरों का इस्तेमाल हुआ है. बालेश्वर स्टोन, मकराना मार्बल, कोटा ग्रेनाइट और मैडोना स्टोन का भी इस्तेमाल हुआ है, जो आने वाले दिनों में देशी व विदेशी पर्यटकों और श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगा.

दिल्ली की प्रस्तावित सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना में भी शामिल बिमल पटेल ने यह भी बताया है कि परियोजना के 5.50 लाख वर्ग फुट क्षेत्र का लगभग 70 प्रतिशत ग्रीन कवर के लिए खुला रखा जाएगा.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 7,000 वर्ग मीटर से अधिक का मंच है जहां 10,000 लोग ध्यान कर सकते हैं, इसके सात भव्य प्रवेश द्वार, एक कैफेटेरिया, एक फूड कोर्ट, एक वैदिक और आध्यात्मिक पुस्तकालय, एक वर्चुअल गैलरी, एक पर्यटन केंद्र, एक बहुउद्देश्यीय हॉल और एक सुरक्षा हॉल है. कॉरिडोर के साथ एक विशेष स्काई बीम लाइट सिस्टम भी लगाया जा रहा था.

श्रद्धालु काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर में मराठा रानी महारानी अहिल्याबाई होल्कर की मूर्ति भी देख सकते हैं, जिन्होंने कभी मंदिर का पुनर्निर्माण किया था.

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उद्घाटन के लिए पीएम मोदी के आने से पहले, काम खत्म करने की होड़

वाराणसी में गंगा के घाटों पर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना पर काम खत्म करने के लिए अंतिम समय में कारीगर, कर्मचारी और अधिकारी तेजी से जुटे हैं.

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना की आधारशिला 2019 में रखी गई थी. इसके बाद वाराणसी के भीड़भाड़ वाले हिस्से में घरों और छोटे मंदिरों के अधिग्रहण की एक मुश्किल प्रक्रिया थी. शुरुआत में, कई लोग अपने घरों के अधिग्रहण से परेशान थे, जिनमें से कई में मंदिर थे, लेकिन अंततः मुद्दों को सुलझा लिया गया.

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पांच लाख घरों में जलेंगे दीये

13 दिसंबर को जब प्रधानमंत्री मोदी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम में पूजा करेंगे तब 7 लाख घरों तक पुस्तिका एवं प्रसाद वितरण का कार्य होगा. इस कार्यक्रम में देश भर के संत, महात्मा, विद्वतजन आने वाले हैं.

इस कार्यक्रम को देशभर के 15444 मंडलो में 51 हजार स्थानों पर लाइव दिखाया जाएगा. जिसमें प्रत्येक स्थान पर 500 से 700 लोग कार्यक्रम से जुडेंगे. 13 तारीख का कार्यक्रम 135 करोड लोगों को जोडने का कार्य होगा. 11 अन्य ज्योतिर्लिंगों में पूरे लोकार्पण कार्यक्रम का सजीव प्रसारण किया जाएगा.

13 दिसम्बर से 12 जनवरी तक पुरे एक माह तक श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के अंदर लगभग 30 कार्यक्रम होंगे. 5 दिसंबर से स्वच्छता अभियान और 8 दिसम्बर से संकिर्तन, भजन एवं प्रभात फेरी के कार्यक्रम शुरु हो गये हैं. 13 को 5 लाख घरों तक सम्पर्क कर दीप जलाने का आव्हान किया जाएगा.

(इनपुट्स- चंदन पांडेय/ वाराणसी)

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