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Rahul Bhat की हत्या के बाद कश्मीर में फूटा लोगों का गुस्सा, पुलिस का लाठीचार्ज

गुरुवार दोपहर चदूरा स्थित स्थानीय तहसील कार्यालय में बंदूकधारियों ने राहुल भट को गोली मारकर हत्या की थी.

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मध्य कश्मीर (Kashmir) के बडगाम जिले के चदूरा इलाके में आतंकवादियों द्वारा राहुल भट (Rahul Bhat) नाम के एक सरकारी कर्मचारी की गोली मारकर हत्या करने के बाद, गुरुवार रात, 12 मई को जम्मू और कश्मीर के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी पंडितों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए.

जब प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने श्रीनगर एयरपोर्ट की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठी चार्ज किया.

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इस बीच कश्मीर डीविजनल कमिश्नर पीके पोल ने शुक्रवार को कहा- "राहुल भट की हत्या पर आज शाम कैंडल-लाइट विरोध प्रदर्शन किया गया. प्रशासन एक हफ्ते के अंदर सभी सेवा से संबंधित मामलों को देखेगा. 1500/5000 (लोगों) का स्थायी आवास पूरा हो गया, बचे हुए लोगों का सर्दियों से पहले किया जाएगा."

द क्विंट के पत्रकार एंथनी रोजारियो ने प्रदर्शकारियों पर प्रशासन की कार्रवाई का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "सुरक्षा बलों ने समुदाय के सदस्य राहुल भट की हत्या का विरोध कर रहे कश्मीरी पंडितों पर आंसू गैस के गोले दागे. प्रदर्शनकारी कथित तौर पर एलजी मनोज सिन्हा से मिलने के लिए श्रीनगर के बडगाम से राजभवन तक मार्च कर रहे थे."

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि गुरुवार दोपहर चदूरा स्थित स्थानीय तहसील कार्यालय में बंदूकधारियों ने एक प्रवासी कर्मचारी पर गोली चला दी. भट को तुरंत उप जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उन्हें विशेष ट्रीटमेंट के लिए एसएमएचएस अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया.

एक अधिकारी ने कहा, "घायल को तुरंत इलाज के लिए श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल लाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया." उन्होंने आगे बताया, "शुरुआती जांच से पता चलता है कि दो (आतंकवादी) इस जघन्य अपराध में शामिल थे और उन्होंने एक पिस्तौल का इस्तेमाल किया था."

सरकारी अधिकारियों और उनके परिवार सहित प्रदर्शनकारियों ने अनंतनाग जिले के वेसु-काजीगुंड में प्रवासी कॉलोनी में इकठ्ठा हुए और मांग की कि उपराज्यपाल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घाटी में कश्मीरी पंडित सुरक्षित हैं.

इस बीच, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मिलने के लिए श्रीनगर में बडगाम से राजभवन की ओर जा रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.

कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि प्रशासन सुरक्षा प्रदान करने में विफल रहता है, तो सरकारी कर्मचारियों के रूप में कार्यरत कश्मीरी पंडित अपने-अपने पदों से सामूहिक इस्तीफा देंगे.

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जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घटना पर क्या बयान जारी किया?

जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बाद में घटना पर एक बयान जारी किया. उन्होंने कहा, "प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा को भांपते हुए, जिन्होंने हिंसा का सहारा लिया था और प्रशासन द्वारा शांति के अनुरोध को नकारा इसके लिए पुलिस को आखिरकार उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कुछ गोले फेंकने पड़े."

पुलिस ने कहा, "हालांकि, प्रदर्शनकारी शेखपोरा रोड पर फिर से जमा हो गए और धरने पर बैठ गए और मुख्य सड़क को जाम कर दिया. बाद में, वे सभी अपने घर वापस चले गए."

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शुक्रवार को राहुल भट्ट का अंतिम संस्कार किया गया. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) जम्मू मुकेश सिंह, डीविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और उपायुक्त अवनी लवासा भी श्मशान घाट पहुंचे.

भट की हत्या के बाद, उनकी पत्नी ने कहा, “वो कहते थे कि हर कोई उनके साथ अच्छा व्यवहार करता है और कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता. फिर भी किसी ने उनकी रक्षा नहीं की, उन्होंने किसी से उनके बारे में पूछा होगा, नहीं तो उन्हें कैसे पता चलता.

एएनआई के अनुसार, भट के पिता ने कहा, "पहले उन्होंने पूछा कि राहुल भट कौन है और फिर उन्होंने गोली मारी. हम चाहते हैं इसकी जांच हो. 100 फीट दूर थाना था. ऑफिस में सुरक्षा जरूर रही होगी लेकिन वहां कोई नहीं था. उन्हें सीसीटीवी फुटेज की जांच करनी चाहिए."

कश्मीरी पंडित कर्मचारी संघ के सदस्यों ने भी राहुल भट की हत्या पर न्याय की मांग करते हुए अनंतनाग में विरोध प्रदर्शन किया.

अपर्णा पंडित नाम की एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "अगर प्रशासन जनता पर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दाग सकता है, तो क्या वे कल आतंकवादी को नहीं पकड़ सकते थे?"

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