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Rahul Bhatt Murder: कश्मीरी पंडितों के इस्तीफे की खबर को बड़गाम प्रशासन ने नकारा

लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी.

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भारत
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कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट (Rahul Bhatt) की हत्या के विरोध में 350 कश्मीरी पंडितों की सामूहिक त्यागपत्र की खबर को बड़गाम उपायुक्त ने नकार दिया है. ये खबर सोशल मीडिया पर तेजी से प्रसारित हो रही थी. बड़गाम उपायुक्त ने कहा कि प्रवासी कर्मचारियों की ओर से इस्तीफे की सोशल मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया जाता है. क्योंकि, प्रशासन को इस्तीफे का ऐसा कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है.

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दरअसल, सोशल मीडिया पर ये खबर थी राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में शुक्रवार को प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नौकरी करने वाले 350 कश्मीरी पंडितों ने LG को अपना सामूहिक त्यागपत्र भेज दिया है.

बता दें, गुरुवार को बड़गाम जिले के एक सरकारी दफ्तर में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने दफ्तर में घुसकर राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद से घाटी में जबर्रदस्त तनाव का माहौल है. लश्कर से जुड़े संगठन कश्मीर टाइगर्स ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली है

राहुल भट्ट बड़गाम जिले के विस्थापित कॉलोनी में रहते थे और पिछले 8 साल से वहीं नौकरी कर रहे थे. राहुल भट्ट के परिवार में उनकी पत्नी, उनका पांच साल का बेटा और पिता हैं जो पुलिस से रिटायर हो चुके हैं.

बताया जा रहा है कि विस्थापित कश्मीरी पंडितों की ओर से शुरू किए गए रोजगार कार्यक्रम के तहत राहुल भट्ट को नौकरी मिली थी. भट्ट चदूरा स्थित तहसील दफ्तर में काम करते थे. गोली लगने के बाद राहुल भट्ट को तुरंत श्रीनगर के SMHS अस्पताल ले जाया गया था, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया था.

वहीं, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्वीट कर कहा कि राहुल भट्ट के परिजनों से मुलाकात की. मैंने उनके परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया. सरकार दुख की इस घड़ी में राहुल के परिवार के साथ है. आतंकवादियों और उनके समर्थकों को उनके इस अपराध के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.

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