केरल में हाईवे पर हुई साढ़े तीन करोड़ की डकैती के मामले ने अब एक दिलचस्प मोड़ ले लिया है. पुलिस ने इस सिलसिले में राज्य के बीजेपी नेताओं से पूछताछ की है.
वहीं सत्ताधारी लेफ्ट फ्रंट के नेताओं का आरोप है कि यह डकैती स्थानीय बीजेपी नेताओं का "गढ़ा गया ड्रामा" था. जिसके जरिए चुनावों में उपयोग ना किए जा सकने वाले फंड को हड़पने की मंशा थी. बता दें यह डकैती विधानसभा चुनावों के ठीक तीन दिन पहले थ्रिसूर और कोच्चि के बीच हाईवे पर हुई थी.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि क्रॉइम ब्रॉन्च ने इस मामले बीजेपी के स्टेट जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गेनाइजेशन) और वरिष्ठ आरएसएस प्रचारक एम गणेशन के साथ-साथ बीजेपी स्टेट ऑफिस सेक्रेटरी जी गिरीशन को नोटिस जारी किया है. दोनों को रविवार के दिन पुलिस के सामने हाजिर होने को कहा गया है.
इससे पहले शनिवार को पुलिस ने थ्रिसूर के बीजेपी नेताओं से पूछताछ की थी. इनमें डिस्ट्रिक्ट जनरल सेक्रेटरी के आर हरि, सेंट्रल रीजन सेक्रेटरी काशिनाथन और डिस्ट्रिक्ट ट्रेजरार सुजाय सेनन शामिल थे.
अखबार के मुताबिक 7 अप्रैल को मतदान के एक दिन बाद कार चालक ने पुलिस में शिकायत दर्ज करते हुए कहा था कि डकैती में छीना गया पैसा आरएसएस वर्कर और कोझिकोड के बिजनेसमैन एके धर्मराजन का था. धर्मराजन ने बताया कि उन्हें यह पैसा बीजेपी युवा मोर्चा के पूर्व नेता सुनील नायक से मिला था.
वहीं प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने पार्टी के घटना से संबंधित होने के दावों से इंकार किया है.उन्होंने कहा कि पार्टी ने पूरे चुनाव के दौरान केरल में सिर्फ डिजिटल ट्रांजेक्शन किया है. बीजेपी नेताओं से पूछताछ किया जाना सिर्फ नौटंकी है.
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