केरल (Kerala) के एक कोर्ट द्वारा रोमन कैथोलिक बिशप फ्रेंको मुलक्कल (Franco Mulakkal) को एक नन से रेप के आरोप से बरी करने के एक दिन बाद, अभियोजन पक्ष ने फैसले के खिलाफ अपील दायर करने का फैसला किया है.
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले में आरोप लगाया गया था कि मुलक्कल ने 2014 से 2016 के बीच कोट्टायम के कुराविलांगड में मिशनरीज ऑफ जीसस कॉन्वेंट में नन के साथ रेप किया था.
पीड़िता ने आरोप लगाया था कि उन सालों के दौरान कॉन्वेंट में अपनी यात्राओं के दौरान फ्रेंको ने उसके साथ 13 बार बलात्कार किया था.
कोट्टायम के अतिरिक्त फैसला सुनाने वाले डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन कोर्ट न्यायधीश-आईजी गोपकुमार, ने अपने आदेश में कहा था कि पीड़िता के इन्कंसिस्टेंट वर्जन को देखते हुए कोर्ट का मानना है कि उसे ठोस गवाह के रूप में नहीं देखा जा सकता है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि गवाहों में से एक की गवाही को भी डिस्क्रेडिट कर दिया गया था, जब उसने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा था कि उसका बयान पुलिस के दबाव में दिया गया था और यह सच नहीं था.
नन ने बाद में कहा था कि उसने जांच में सहयोग करने के लिए परिणामों के डर से पत्र लिखा था.
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