मुंबई के शिवाजी पार्क में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही उद्धव ठाकरे ने भारत और महाराष्ट्र के राजनीतिक इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज कर लिया. रंग, रौशनी और नारों-नगाड़ों की गूंज के बीच शपथ ग्रहण समारोह में हजारों की तादाद में लोग इस ऐतिहासिक घटना का गवाह बनने के लिए वहां इकठ्ठा हुए थे. न्योते के आधार पर आमंत्रित किए गए विशिष्ट मेहमानों के अलावा महाराष्ट्र और कई अन्य प्रदेशों से शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के कार्यकर्ता इस समारोह में शरीक होने पहुंचे.
भव्य समारोह का गवाह बना शिवाजी पार्क
इस ऐतिहासिक समारोह की भव्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिस मंच पर शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हुआ, उसे 6000 वर्ग फीट क्षेत्र में बनाया गया था. इस पर देश भर से आए 100 से ज्यादा वीआईपी मेहमानों के बैठने की व्यवस्था की गई थी. इस स्टेज को रंग-बिरंगे फूलों और रौशनी से सजाकर बेहद खूबसूरत बनाया गया था. चारों तरफ जोश में गूंजते नारों के बीच रणसिंघा और नगाड़ों के ओजस्वी सुर माहौल को और भी भव्य बना रहे थे. वहां हर तरफ मौजूद लोग शपथग्रहण समारोह को करीब से देख सकें, इसके लिए शिवाजी पार्क में 20 से ज्यादा बड़े-बड़े एलईडी स्क्रीन लगाए गए थे. जब उद्धव ठाकरे शपथ ले रहे थे तब पार्क के चारों तरफ हो रही रंग-बिरंगी आतिशबाजी माहौल में चार चांद लगा रहे थे.
स्टेज के सामने दर्शकों के लिए 70 हजार से ज्यादा कुर्सियों का इंतजाम किया गया था. हालांकि इस आयोजन में जुटने वाली भारी भीड़ को देखते हुए मुंबई पुलिस नेसुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. पार्क में सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए दो हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे.
शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे शिवाजी पार्क में जनता को संबोधित किया करते थे. तब उन्होंने ये नहीं सोचा होगा कि आगे चलकर एक दिन इसी जगह खड़े होकर उनके बेटे उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, और 28 नवंबर का दिन ऐतिहासिक बन जाएगा.
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