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कुणाल कामरा ने NYT वीडियो में कोरोना पर सरकार को घेरा

Kunal Kamra ने कहा, “स्पष्ट है, आपका वोट मायने रखता है, लेकिन आपका जीवन नहीं.”

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स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा (Kunal Kamra) ने कोविड के दौरान हुई मौत और बदइंतजामी के लिए पीएम मोदी को जिम्मेदार ठहराया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की खास ऑपीनियन वीडियो में भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने COVID-19 महामारी के कारण हुई मौत और विनाश पर अपनी बात रखी. कुणाल कामरा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पर कोविड के संकट को कंट्रोल करने में फेल होने का आरोप लगाया.

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6 मिनट 27 सेकेंड के वीडियो में कुणाल कामरा ने वैक्सीन की कमियां, कुंभ, बंगाल चुनाव में पीएम मोदी की रैलियां और ट्वीटर पर सरकार की आलोचना जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी.

वीडियो की शुरुआत कुणाल कामरा ने पीएम मोदी के एक भाषण पर कटाक्ष करते हुए की. कामरा ने पीएम के उस भाषण का जिक्र किया जिसमें वो कह रहे हैं कि भारत ने कोरोनोवायरस को प्रभावी ढंग से नियंत्रित कर "मानव जाति को त्रासदी से बचाया" है. कामरा ने पीएम मोदी के इस दावे पर "झूठ बोलने" का आरोप लगाया है.

ओपिनियन वीडियो में कुणाल कामरा अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा,

“मेरे लोग बेवजह मर रहे हैं, हमारी सरकार के हाथों में खून है.”

'मैं हंसना बंद कर देता हूं'

कामरा ने वीडियो में अपना परिचय देते हुए कहा,

“मेरा नाम कुणाल कामरा है. मैं भारत का एक स्टैंड-अप कॉमेडियन हूं, और यहीं पर मेरी हंसी भी रुक जाती है. मई में कोरोना अपने चरम पर था, हमारे पास हर दिन 400,000 मामले और 4,000 मौतें हो रही थीं और विशेषज्ञों का कहना है कि ये आंकड़े बहुत कम बताए गए हैं. अब जब, बाकी दुनिया फिर से खुल रही है, हम अभी भी परेशान हैं.”

कुंभ के आयोजन पर सरकार से सवाल

कुंभ मेले के आयोजन की आलोचना करते हुए कामरा ने कहा कि "मार्च में, मोदी सरकार ने न केवल कुंभ मेला उत्सव को रद्द करने से इनकार कर दिया, बल्कि उन्होंने असल में इसे बढ़ावा दिया." कामरा ने कहा, यह "लाखों का जमावड़ा था."

कुणाल कामरा ने कहा, "इनमें से अधिकतर हिंदू कुंभ में अपने पिछले पापों को धोने गए थे, लेकिन उन्हें घर पर रहना चाहिए था और बेहतर भविष्य के लिए प्रार्थना करनी चाहिए थी."

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कोरोना के दौरान बंगाल चुनाव प्रचार में व्यस्त थे पीएम मोदी

कामरा ने पश्चिम बंगाल चुनाव 2021 के दौरान पीएम मोदी की चुनावी रैलियों की भी आलोचना की. कामरा ने कहा,

“स्पष्ट है: आपका वोट मायने रखता है, लेकिन आपका जीवन नहीं.”

कुणाल कामरा ने कोरोना की वजह से हुई मौत और फिर श्मशान घाट से लेकर नदियों के किनारे शवों को दफनाने का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा, “श्मशान घाट भर चुके थे सैकड़ों शव गंगा नदी में बहाए गए. ये संदिग्ध COVID मौतें थीं. नदी में शव ऐसे लोगों की थी जो श्मशान में सम्मानजनक स्थान नहीं पा सकते थे.”

‘दूसरों को दिया वैक्सीन, अपनों का क्या?’

कामरा ने टीकाकरण अभियान की कमियों पर भी कटाक्ष किया और पीएम मोदी के उस बयान का जिक्र भी किया जब उन्होंने भारत को "दुनिया की फार्मेसी" कहा था. कामरा ने पूछा,

“हमने दूसरे देशों के लिए 60 मिलियन से अधिक खुराक का उत्पादन किया, लेकिन हमने अपने लिए पर्याप्त टीके नहीं बनाए. हमारी सरकार इस त्रासदी के बारे में क्या कर रही है?”

अवैज्ञानिक स्वभाव पर जोर देते हुए, कामरा ने कहा, “पीएम मोदी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इस बात पर शोध शुरू किया कि कैसे योग और सांस लेने के व्यायाम COVID से लड़ने में मदद कर सकते हैं. सरकार ने सम्मान के लिए डॉक्टरों पर हेलीकॉप्टर से फूल गिराए. लेकिन डॉक्टरों की तकलीफों का इलाज नहीं मिलता"

ऑक्सीजन की कमी बताने पर FIR

कामरा ने कहा, "हम एक अलग झूठ में रहते हैं, लेकिन हमारी सरकार एक चीज में माहिर है, अपने आलोचकों पर हमला करना. हाल ही में, सरकार की वैक्सीन नीति की आलोचना करने वाले पोस्टर लगाने की वजह से कम से कम दो दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था. सरकार ने ट्विटर को कुछ ट्वीट्स को ब्लॉक करने के लिए भी कहा जो उसकी COVID नीतियों की आलोचना कर रहे थे. पुलिस उन डॉक्टरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रही है जिन्होंने ऑक्सीजन के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था."

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