इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad high court) की लखनऊ बेंच ने गुरुवार, 10 फरवरी को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्र (Ashish Mishra) को जमानत दे दी. आशीष मिश्र को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था. हाई कोर्ट के निर्णय के बाद क्विंट ने इसी हिंसा में जान गंवाने वाले पत्रकार रमन कश्यप के भाई पवन कश्यप से बात की.
पवन कश्यप ने आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट ने उनके वकीलों के पैनल की पूरी दलील नहीं सुनी और फिर से सुनवाई की उनकी अपील भी स्वीकार नहीं की गई.
हाईकोर्ट ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी है, अब आप लोग न्याय की लड़ाई को कैसे आगे बढ़ाएंगे?
पवन कश्यप- हमारी लड़ाई जारी रहेगी. जमानत मिल गयी इसका मतलब यह नहीं कि केस खत्म हो गया. हमारे वकीलों की बहस पूरी नहीं हो पाई. हमारे वकीलों का कहना है कि ऑनलाइन बहस चल रही थी और उनके कॉल को डिस्कनेक्ट कर दिया गया. फिर से सुनवाई की अपील को भी खारिज कर दिया गया. हाई कोर्ट ने किसके दबाव में फैसला लिया है, नहीं बता सकते, लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी.
SIT इसे मजबूत केस बता रही थी फिर भी जमानत मिल गयी, आपके वकीलों का क्या कहना है ?
पवन कश्यप- हमारे वकीलों के पैनल की बहस ही पूरी नहीं सुनी गयी. उनका कॉल काट दिया गया. कहीं न कहीं शासन का दबाव है. इनकी केंद्र और राज्य में सरकार है और इसी का फायदा उठाया गया है. जनता इसी चुनाव में इनको जवाब दे देगी. इनको डर था कि सरकार बदली तो ज्यादा मदद नहीं कर पाएंगे इसीलिए चुनाव के ठीक पहले यह किया गया.
आशीष निघासन से चुनाव लड़ना चाहते थे. क्या जमानत के बाद वो यहां प्रभाव डाल सकते हैं?
पवन कश्यप- मुझे लगता है कि उनके बाहर आने से या जेल में रहने से, किसी से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. इनके रवैये के कारण बीजेपी को और नुकसान ही होगा.
पीड़ित पक्ष की आगे की रणनीति क्या होगी?
पवन कश्यप- हमारी मीटिंग है जहां संयुक्त मोर्चा और पीड़ित परिवार द्वारा आगे की रणनीति पर फैसला लिया जायेगा.
आप कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले थे, उसका क्या हुआ?
पवन कश्यप- कांग्रेस ने मुझे चुनाव लड़वाने का फैसला लिया था. कांग्रेस के इस फैसले का सम्मान करते हुए मैंने कहा कि मेरी लड़ाई अजय मिश्र टेनी से है. आप अगर मुझे टेनी के खिलाफ खड़ा करते हैं तो लड़ने में भी अच्छा लगेगा. इसी कारण से मैंने अभी के लिए उनसे माफी मांग ली है.
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