लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) में 4 किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में दर्ज एफआईआर में 3 जनवरी को एसआईटी ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी. एसआईटी ने इस चार्जशीट में 14 लोगों को आरोपी बनाया है, जिसमें मुख्य अभियुक्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा भी है. इन 14 लोगों में मंत्री टेनी के करीबी वीरेंद्र शुक्ला का भी नाम हैं, जिनके ऊपर सबूत मिटाने का आरोप लगा है. लेकिन चार्जशीट में मंत्री टेनी का नाम नहीं होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.
लखीमपुर खीरी के वरिष्ठ अभियोजन अधिवक्ता एसपी यादव ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बताया कि कई गवाहों ने अपने बयान में मुख्य अभियुक्त आशीष मिश्रा को मौका-ए-वारदात पर होना बताया है.
किसान पक्ष के वकील की नाराजगी
किसान पक्ष के वकील मोहम्मद अमान ने एसआईटी जांच पर नाराजगी जताते हुए कहा कि थार जीप मंत्री अजय मिश्र टेनी के नाम थी और उनके ऊपर आरोप भी लगे थे लेकिन एसआईटी की चार्जशीट में उनका नाम नहीं शामिल किया गया है.
पिछले साल दिसंबर में एसआईटी के जांच अधिकारी ने कोर्ट को पत्र लिखकर बताया था कि यह पूरी घटना कोई दुर्घटना नहीं बल्कि सोची समझी साजिश थी. कोर्ट ने जांच अधिकारी का एप्लीकेशन मंजूर करते हुए धाराओं को बढ़ा दिया था.
केस में आए इस नए मोड़ की वजह से विपक्ष को सवाल उठाने का और ज्यादा मौका मिलगया है. इसका असर पिछले दिनों केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर भी देखने को मिला, जब वो पत्रकारों के सवाल पर जवाब देने के बजाय वह उन पर टूट पड़े थे.
एसआईटी ने इस मामले में चार्जशीट तो जरूर दाखिल कर दी लेकिन कई सवाल अभी भी उठ रहे हैं.
सवाल नंबर 1
जब SIT ने अपने जांच में पाया कि यह पूरी घटना साजिश थी, तो क्या आशीष मिश्रा ने बिना अपने पिता की जानकारी पर इस घटना को अंजाम दिया?
सवाल नंबर 2
जब ये साजिश तो इस साजिश के पीछे की मंशा क्या थी, और इससे किसे सियासी फायदा होना था, टेनी को या आशीष को?
सवाल नंबर 3
देश के एक केंद्रीय मंत्री का बेटा नरसंहार का मुख्य आरोपी है लेकिन सरकार ने मंत्री से अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं लिया?
सवाल नंबर 4
जिस पार्टी के टेनी उसकी केंद्र और राज्य में सरकार, तो क्या टेनी के मंत्री रहते जांच प्रभावित होने की आशंका नहीं है?
सवाल नंबर 5
विवादित कृषि कानूनों पर घुटने टेक देने वाली केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसी क्या मजबूरी है कि तीनों को अभी तक बाहर का रास्ता नहीं दिखाया गया? चुनावी साल में क्या बीजेपी ब्राह्मण वोट बैंक को साधने के लिए अपने मंत्री पर कार्रवाई नहीं कर रही है?
भारतीय किसान युनियन के जिला अध्यक्ष अमनदीप सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की मुश्किलें कम होती नहीं देख रही हैं. मंत्री ट्रेनी का नाम चार्जशीट में ना होने को किसान संगठनों ने धोखा करार दिया है और सरकार पर दबाव बनाने के लिए रणनीति तैयार करने में लग गए हैं.
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