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Lakshadweep: पर्यटन में दिक्कत से बुनियादी मुद्दों तक, क्या बोले लक्षद्वीप के लोग?

Lakshadweep के स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां न तो वेस्ट मैनेजमेंट और न ही पीने के पानी की ठीक व्यवस्था है.

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"अगर आज दोपहर के बाद किसी भी समय आप अगाट्टी द्वीप से कोच्चि जाना चाहते हैं तो कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है. द्वीप से एकमात्र फ्लाइट सुबह 10:54 बजे रवाना हो चुकी है और अब कोई अन्य फ्लाइट भी निर्धारित नहीं है", ये कहना है लक्षद्वीप (Lakshadweep) के अगाट्टी द्वीप पर ट्रैवल एजेंसी के मालिक और स्थानीय निवासी अमीन बिन मोहम्मद का.

केंद्र शासित प्रदेश में 7.6 किमी लंबा द्वीप केरल के कोच्चि से लगभग 459 किमी पश्चिम में स्थित है. कोच्चि एकमात्र ऐसी जगह है जहां से लक्षद्वीप जाया जा सकता है और लक्षद्वीप में केवल अगाट्टी से ही हवाई सेवा उपलब्ध है.

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अगाट्टी द्वीप के एक अन्य निवासी हुसैन ने कहा कि, 'पर्यटन को बढ़ावा देने का क्या मतलब है, जब हम द्वीपवासी केरल के साथ इतनी खराब कनेक्टिविटी से जूझ रहे हैं?'

2 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के दौरे के बाद से लक्षद्वीप सुर्खियां बटोर रहा है. लेकिन जब मालदीव के मंत्रियों ने प्रधानमंत्री के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और कहा कि भारत समुद्र तट पर्यटन में मालदीव के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकता, तो चीजें बिगड़ती चली गई.

इसी के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बॉयकॉट मालदीव और एक्सप्लोर इंडियन आइलैंड्स जैसे कीवर्ड ट्रेंड करने लगे. अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार और सलमान खान से लेकर क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग तक, कई लोगों ने लक्षद्वीप का प्रचार किया. यहां तक ​​कि पिछले हफ्ते लक्षद्वीप गूगल पर सबसे ज्यादा खोजा जाने वाला कीवर्ड भी बन गया.

द क्विंट ने कुछ टूर ऑपरेटर्स और होटलों के मालिकों से बात की जिन्होंने बताया कि इस विवाद से पहले की तुलना में लक्षद्वीप को लेकर एंक्वाएरी अब ज्यादा बढ़ गई है.

लक्षद्वीप पहुंचने के दो रास्ते और दोनों पर खराब कनेक्टिविटी 

फिलहाल लक्षद्वीप पहुंचने के दो ही रास्ते हैं- फ्लाइट से या जहाज से. केरल के कोच्चि और अगाट्टी द्वीप के बीच हर दिन एलायंस एयर की केवल एक फ्लाइट चलती है, और तीन जहाज - एमवी कोरल, एमवी कावाराट्टी, और एमवी लैगून चलते हैं. इन जहाजों से लक्षद्वीप पहुंचने में लगभग 14-18 घंटे लगते हैं.

"लक्षद्वीप के एकमात्र हवाईअड्डे अगाट्टी से कोच्चि के लिए फ्लाइट बुक करने की कोशिश कीजिए, पता चल जाएगा कि 31 मार्च तक कोई उड़ान उपलब्ध नहीं है. पर्यटकों की तो बात ही छोड़ दीजिए, हम खुद केरल तक कैसे पहुंचेंगे?"
हुसैन

उन्होंने आगे बताया कि, "यहां तक ​​कि जहाज सेवाएं भी हर दिन उपलब्ध नहीं होती हैं, और अगर आप तीन जहाजों में से किसी एक पर टिकट बुक करते हैं, तो भी उनकी सेवाएं इतनी खराब हैं कि वे कभी-कभी अपनी यात्राओं को कई बार पुनर्निर्धारित (री-शेड्यूल) करते हैं."

हुसैन के दावों की पुष्टि करने के लिए, रिपोर्टर ने 9 जनवरी से 31 मार्च के बीच कोच्चि से अगाट्टी तक एक राउंड ट्रिप बुक करने की कोशिश की. नतीजतन इन तारीखों के बीच 'कोई उड़ान उपलब्ध नहीं' है ऐसा दिखाई दिया.

वहीं वेबसाइट्स पर कोच्चि से अगाट्टी की बुकिंग के लिए टिकट 3 अप्रैल 2024 से उपलब्ध है.

"उड़ान और जहाज सेवाओं को केवल एक निश्चित सीमा तक ही बढ़ाया जा सकता है क्योंकि द्वीप का भूमि क्षेत्र और संसाधन सीमित हैं. मैं अगाट्टी में रहता हूं. यह केवल 6 किमी लंबा और 1 किमी तक चौड़ा है, और कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 3.84 वर्ग किमी आता है. अब बताओ, इतने छोटे से क्षेत्र में कितने स्थानीय लोगों और पर्यटकों को ठहराया जा सकता है?"
मोहम्मद शफी, अगाट्टी द्वीप पर एक रिजॉर्ट के मालिक

लक्षद्वीप की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, लक्षद्वीप का कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किमी है, और इसमें कुल 36 द्वीप है जिसमें से 11 पर ही लोग बसते हैं.

हालांकि, CNN-News18 से बात करते हुए, लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि प्रशासन पर्यटकों की आमद को लेकर चिंतित नहीं है क्योंकि लक्षद्वीप के पास उन्हें संभालने के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा है.

पटेल ने समाचार चैनल से कहा कि, “हम लक्षद्वीप में पर्यटकों की भारी वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं. प्रधानमंत्री की यात्रा से हमें फायदा होगा - मालदीव के गुस्से से नहीं."

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ द्वीपों पर पर्यटकों के लिए रिजॉर्ट और विला का निर्माण किया जा रहा है. इससे यहां रुकने को लेकर सुविधा बढ़ेगी. पर्यटन के विकास को लेकर हमें दिशा मिली है और हम उस पर काम कर रहे हैं. कुछ द्वीप रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हैं, इसलिए उस पर नजर रखने के लिए, जो प्रणाली है [ऑनलाइन परमिट लेने की] अगर यह जारी रहती है, तो कोई समस्या नहीं होनी चाहिए…”

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'लक्षद्वीप को पर्यटन केंद्र में बदलने से पहले बुनियादी मुद्दें सुलझने चाहिए'

एक स्थानीय निवासी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि, "इन द्वीपों पर कई मुद्दें हैं जिनका हमें सामना करना पड़ता है और लक्षद्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में उपयोग करने की योजना से पहले इन मुद्दों को सुलझाने की जरूरत है."

उन्होंने आगे कहा कि, "हमारे पास कई मुद्दे हैं. यहां कोई उचित कूड़े का प्रबंधन करने के लिए व्यवस्था नहीं है. पीने का पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं है. रोजमर्रा के लिए समुद्र के पानी को शुद्ध कर पिया जाता है. वास्तव में, मार्च से, जब तापमान बढ़ता है, हमारे रोजमर्रा में उपयोग होने वाले पानी की कमी हो जाती है."

स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को लेकर एक ट्रैवल एजेंसी के मालिक अमीन ने द क्विंट को बताया, "पर्यटन को बढ़ावा देना बहुत अच्छा है. लेकिन उन स्वास्थ्य सेवाओं के विकास और सुधार के बारे में क्या, जिनकी हम द्वीपवासियों को सख्त जरूरत है? पूरे द्वीप पर केवल एक विशेष अस्पताल है जो अगाट्टी में हैं, कावाराट्टी और मिनिकॉय में भी एक-एक ही अस्पताल है. अन्य स्थानों पर केवल प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केंद्र या प्राथमिक चिकित्सा केंद्र हैं."

उन्होंने कूड़े के प्रबंधन को लेकर भी चिंता जताई जो "द्वीप के इकॉलजी के लिए बुरी साबित हो सकती है."

"एक क्रूज से 1,500 पर्यटक द्वीप पर आते हैं. वे अपना कूड़ा यहां फेंकते हैं और प्रदूषण करते हैं. लंबे समय में, यह द्वीप की इकॉलजी के लिए ठीक नहीं होगा. अगर सरकार इस तरह की योजना बना रही है, तो उसे इन सीमाओं को समझना चाहिए."
अमीन

एक अन्य निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, द्वीप पर ईंधन की कमी का मुद्दा भी बड़ा है. कावाराट्टी और कल्पेनी द्वीपों में ईंधन स्टेशन हैं, अगाट्टी में पेट्रोल पंप ही नहीं है. मत्स्य पालन विभाग मासिक राशन वितरण की तरह पेट्रोल वितरित करता है. दोपहिया वाहनों के लिए पेट्रोल प्रति माह 10 लीटर और चार पहिया के लिए 15 लीटर प्रति माह मिलता है. क्या आपको लगता है कि यह स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए पर्याप्त है?"

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