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Land For Job Case: लालू यादव के बाद तेजस्वी से ED की पूछताछ, समर्थक कर रहे नारेबाजी

Land For Job Case: 29 जनवरी को लालू प्रसाद यादव से भी ED ने इसी मामले में करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी.

Published
भारत
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Land for Jobs Case: 'जमीन के बदले नौकरी' मामले में आज यानी 30 जनवरी को ED आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से ईडी पूछताछ कर रही है. वहीं, उनके समर्थक ईडी ऑफिस के बाहर जमकर नारेबाजी कर रहे हैं.

केंद्रीय जांच एजेंसी ने 19 जनवरी को तेजस्वी को समन जारी किया था. इससे पहले 29 जनवरी को लालू प्रसाद यादव से भी ED ने एजेंसी के पटना कार्यालय में इसी मामले में करीब 10 घंटे तक पूछताछ की.

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लालू प्रसाद यादव से पूछताछ के बाद तेजस्वी यादव ईडी के घेरे में है. तेजस्वी यादव को समर्थन देने के लिए आरजेडी कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल नहीं होगी. इस मामले पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने एएनआई से बातचीत में कहा...

''ईडी सबको तलाशेगी, आप देख सकते हैं क्या चल रहा है. कल लालू प्रसाद यादव के साथ क्या हुआ और आज तेजस्वी यादव के साथ क्या हो रहा है, आप देख सकते हैं, ऐसी ही स्थिति महाराष्ट्र और तमिलनाडु में चल रही है'. विपक्ष को इस तथ्य को स्वीकार करने की जरूरत है कि उन्हें चुनाव भी लड़ना है और इन एजेंसियों का सामना भी करना है."

लालू प्रसाद यादव की 10 घंटे तक चली पूछताछ पर आरजेडी के विधायक भाई विरेंद्र ने कहा "सब जानते हैं मिलीभगत है. लालू प्रसाद यादव जी के पास इतना जनसमर्थन है, जिससे बीजेपी और जडीयू वाले घबरा कर ऐसा काम करवा रहे हैं. बताइए जो व्यक्ति बीमार है, जिसका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है, उससे 10-10 घंटे तक पूछताछ करना कहां तक सही है.

लालू प्रसाद यादव से 10 घंटे तक चली पूछताछ

29 जनवरी को ईडी के अधिकारियों की घंटों पूछताछ के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव सोमवार देर रात घर लौटे. लालू प्रसाद यादव सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे और रात 9 बजे तक वहीं रहे. अधिकारियों ने उनसे आईआरसीटीसी लैंड फॉर जॉब मामले में 10 घंटे तक पूछताछ की.

क्या है जमीन के बदले नौकरी मामला

ईडी के अनुसार, कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू यादव 2004 से 2009 तक यूपीए-1 सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक, भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में ग्रुप "डी" पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था. बदले में, इन लोगों ने रिश्वत के रूप में अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री के परिवार के सदस्यों और एक संबंधित कंपनी को ट्रांसफर कर दी थी. जिसका नाम A K इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड है. इस मामले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती, हेमा यादव सहित कई लोगों पर आरोप है.

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