Land for Job Scam Case: बिहार में बड़े सत्ता परिवर्तन के एक दिन बाद, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Yadav) और उनकी बेटी मीसा भारती को ईडी ने जमीन के बदले नौकरी' केस समन भेजा था, इसी पूछताछ के लिए 29 जनवरी को लालू और मीसा सुबह ही ईडी के पटना ऑफिस पहुंच गए.
ईडी ऑफिस के बाहर बड़ी संख्या में आरजेडी कार्यकर्ता जुटे और उन्होंने जमकर "लालू जिंदाबाद" के नारे लगाए और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
पूछताछ से पहले मीसा भारती ने मीडिया से बताचीत की और समन को लेकर कहा...
“ इसमें कोई नई बात नहीं है. जब उनको लगता है कि लालू जी को उनको परिवार को समन भेजना है तो भेज देते हैं. अब तो बस हमारे ही परिवार की बात नहीं है, देश में जो भी विपक्ष में हैं और उनके साथ आ नहीं रहे हैं उनको ये ग्रीटिंग कार्ड भेज दिया जाता है.”
मीसा ने आगे कहा “हमारे परिवार को कोई भी एजेंसी चाहे वो सीबीआई हो, ईडी हो , इनकम टैक्स हो बुलाती है तो हम जाते हैं और आराम से हर सवालों के जवाब देते हैं, पूरा सहयोग करते हैं.”
उन्होंने कहा- सब जानते हैं पिताजी की तबीयत ठीक नहीं रहती है. ईडी से उनको दवा देने की अनुमति ली थी. उन्हें दवा दिया है. वहीं, उन्होंने नीतीश कुमार को लेकर कोई भी बात करने से इनकार कर दिया.
वहीं, लालू यादव से ईडी पूछताछ कर रही थी, इसी दौरान डॉ. मीसा भारती ने पटना में ईडी कार्यालय के पास मंदिर में पूजा-अर्चना की.
लालू परिवार पर क्या आरोप?
मामला 2004 और 2009 के बीच रेल मंत्री के रूप में लालू यादव के कार्यकाल के दौरान कथित अनियमितताओं से संबंधित है. आरोप लगाया गया है कि लालू यादव और अन्य आरोपियों ने नौकरी चाहने वालों को औने-पौने दाम पर यादव परिवार के सदस्यों के नाम पर जमीन ट्रांसफर करवा दी.
इस मामले में लालू यादव, उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बेटी मीसा आरोपियों में शामिल हैं. सीबीआई मामले में रिश्वतखोरी के आरोपों की जांच कर रही है और ईडी मनी लॉन्ड्रिंग ट्रेल की जांच कर रही है.
ये ED नहीं, बीजेपी का समन- मनोज झा
इधर, आरजेडी ने बीजेपी पर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. "यह ईडी का समन नहीं है, बल्कि बीजेपी का समन है... यह 2024 तक चलेगा, तब तक कृपया इसे ईडी का समन न कहें... हमें क्यों डरना चाहिए?" राजद सांसद मनोज झा ने उक्त बातें कहा.
बता दें कि बिहार में 28 जनवरी को ही नई सरकार का गठन हुआ है, नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया और बिहार में महागठबंधन की सरकार गिर गई. इसके कुछ घंटे बाद ही, नीतीश कुमार ने एनडीए के साथ सरकार बना ली. उनके साथ ही बीजेपी नेता सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
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