Land For Job Scam: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट से बुधवार (4 अक्टूबर) को लालू परिवार को बड़ी राहत मिली है. अदालत ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और आरजेडी सांसद मीसा भारती को जमानत दे दी है.
16 अक्टूबर को अगली सुनवाई
ANI के अनुसार, लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और मीसा भारती को 50,000 का निजी जमानत बांड भरना होगा. सुनवाई की अगली तारीख 16 अक्टूबर है. कोर्ट ने सीबीआई को इस मामले के सभी आरोपियों को चार्जशीट की कॉपी देने का निर्देश दिया है.
क्या है 'लैंड फॉर जॉब स्कैम' मामला?
दरअसल, मामला केंद्र की UPA-1 सरकार (2004-2009) के कार्यकाल से जुड़ा है. वो उस वक्त लालू यादव रेल मंत्री थे. इस दौरान लालू पर लोगों को रेलवे में नौकरी देने के बदले जमीन लेने का आरोप लगा.
सीबीआई ने इस मामले में अक्टूबर 2022, में अपनी पहली चार्जशीट दायर की थी, जिसमें लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती समेत रेलवे के अधिकारियों और दूसरे व्यक्तियों पर आरोप लगाया गया था. सीबीआई ने कोर्ट से कहा था कि वह मामले की आगे भी जांच कर रही है और इसमें नये लोगों की भूमिका सामने आ सकती है.
'बिना विज्ञापन निकाली गई नौकरी'
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी देने के लिए कोई विज्ञापन नहीं निकाला गया, साथ ही किसी भी प्रक्रिया को भी नहीं अपनाया गया. और पटना, गोपालगंज के लोगों को पूरे देश में नौकरी दे दी गयी. 14 साल पुराने इस मामले में 18 मई 2022 को सीबीआई ने केस दर्ज किया था.
सीबीआई के मुताबिक लालू यादव के परिवार ने पटना में 1.05 लाख वर्ग फीट जमीन पर कब्जा कर रखा है. ये सारी जमीन बेशकीमती है, लेकिन उनका औने-पौने दाम में खरीद-बिक्री दिखायी गयी.
तेजस्वी यादव क्यों फंसे?
जांच एजेंसियों का दावा है कि इस घोटाले में तेजस्वी भी शामिल थे. उनका दिल्ली के न्यू फ्रेंडस कॉलोनी स्थित आलीशान बंगला एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड है. और ये बंगला रेलवे घोटाले के पैसे से खरीदा गया है.
आरोप है कि रेलवे में नौकरी पाने वाले एक व्यक्ति ने 9527 वर्ग फीट जमीन एके इन्फोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को 10.83 लाख रुपए में बेच दी थी, जिस कंपनी को 2014 में राबड़ी देवी और मीसा भारती ने अपने अधीन कर लिया. और बाद में इस कंपनी के मालिक तेजस्वी यादव बन गये.
कागजों में बताया गया कि इस बंगले को सिर्फ 4 लाख रुपए में ही खरीदा गया था. जबकि इसकी कीमत 150 करोड़ रूपये से ज्यादा बतायी गयी है.
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