सुप्रीम कोर्ट में बड़े मामलों की सुनवाई का लाइव टेलीकस्ट मुमकिन है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच में अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने भी इसके पक्ष में रजामंदी जताई है.
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार दोनों की सहमति को देखते हुए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल से इसे बारे में व्यापक गाइडलाइंस तैयार करने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 23 जुलाई को होगी.
पता चलेगा मामले में क्या और कैसे हुआ?
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि अगर कोर्ट की कार्यवाही का लाइव टेलीकास्ट किया जाता है, तो इससे सुनवाई में पारदर्शिता और बढ़ेगी. इससे कोर्ट में सुनवाई के दौरान मौजूदा लोगों के अलावा देश के दूसरे लोगों को भी पता चल सकेगा कि मामले में क्या और कैसे हुआ और वकील ने केस को कैसे पेश किया.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट में सीसीटीवी कैमरा लगाने और वीडियो रिकॉर्डिंग की अनुमति दे रखी है.
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई लाइव दिखाने की वकालत करते हुए केंद्र से कहा है कि इसकी व्यवस्था की जाए. वहीं, केंद्र ने भी कहा है कि वह लाइव प्रसारण की व्यवस्था करने के लिए तैयार है.
PIL पर सुनवाई में SC ने दिया निर्देश
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस ए एम खानविल्कर, और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की बेंच ने सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह और लॉ स्टूडेंट स्वप्निल त्रिपाठी की तरफ से दायर पीआईएल पर सुनवाई करते हुए अटॉर्नी जनरल से इस मुद्दे पर गाइडलाइंस पेश करने को कहा है.
इंदिरा जय सिंह की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया था कि जो केस राष्ट्रीय महत्व और संवैधानिक महत्व के हैं, उनकी पहचान कर उन मामलों की रिकॉर्डिंग की जाए और सीधा प्रसारण किया जाना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर बार काउंसिल के सदस्यों से भी सुझाव मांगे थे. जिसमें सदस्यों का कहना था कि इस तरह का प्रयोग सुप्रीम कोर्ट से शुरू किया जाना चाहिए. और साथ ही इसके लिए दिशा-निर्देश तैयार किया जाए.
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