ADVERTISEMENTREMOVE AD

Lulu mall विवाद पर CM योगी सख्त,मॉल में नमाज से हनुमान चालीसा पाठ तक की कहानी

पिछले कुछ दिनों से लुलु मॉल को लेकर जो विवाद चल रहा है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजधानी लखनऊ(Lucknow) में बने लुलु मॉल में नमाज पढ़े जाने पर विवाद जारी है. नमाज के बाद सुंदर कांड की धमकी और हनुमान चालीसा का पाठ करने गए कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया. मामला इतना बढ़ गया है कि खुद सीएम योगी आदित्यनाथ को भी आगे आना पड़ा.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
मॉल को लेकर राजनीति का अड्डा बनाना और उसके लिए सड़कों पर उतरकर सांप्रदायिक प्रदर्शन बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मॉल के नाम पर आराजकता पैदा करने का जो काम हो रहा उसके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

19 जुलाई को 4 लोगों की गिरफ्तारी

19 जुलाई को पुलिस ने मॉल में नमाज पढ़ने के मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया. फिलहाल पुलिस चारों से पूछताछ कर रही है.

पिछले कुछ दिनों से लुलु मॉल को लेकर जो विवाद चल रहा है उसकी पूरी घटना पर एक नजर डालते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जुलाई को लुलु मॉल (Lulu Mall) का उद्घाटन किया था. लुलु ग्रुप के MD एमए यूसुफ अली हैं, जो अरब के बड़े कारोबारी हैं.

कैसे शुरू हुआ विवाद

मॉल के उद्घाटन के दो दिन ही गुजरे कि 13 जुलाई को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें कुछ लोग लुलु मॉल में नमाज पढ़ते नजर आए. इस पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा समेत अन्य हिंदू संगठनों ने विरोध जताते हुए मॉल में सुंदरकांड पढ़ने की चेतावनी दी.

लुलु मॉल के कर्मचारी पहले तो मॉल में नमाज पढ़े जाने को लेकर वायरल वीडियो से अनभिज्ञता जाहिर करते रहे, बाद में मॉल प्रशासन की तरफ से दिए गए शिकायती पत्र पर सुशांत गोल्फ सिटी पुलिस स्टेशन पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

हिंदू संगठनों ने दी सुंदरकांड की धमकी

हिन्दू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने धमकी दी कि अगर मॉल में दोबारा नमाज पढ़ी जाएगी तो वो लोग लुलु मॉल में सुंदरकांड का पाठ करेंगे उन्‍होंने लुलु मॉल को लव जिहाद का नया अड्डा तक बता डाला.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

17 जुलाई को हनुमान चलीसा का पाठ करने पहुंचे कुछ लोग 

करणी सेना और राष्ट्रीय हिंदू रक्षक दल के कार्यकर्ताओं के समूह मॉल में नमाज अदा किए जाने के जवाब में वहां हनुमान चालीसा पढ़ने का दावा करते हुए मॉल पर धावा बोल बोल दिया. इस विवाद के चलते रात में पुलिस उपायुक्त (दक्षिण), गोपाल कृष्ण चौधरी का तबादला कर दिया गया. डीसीपी ट्रैफिक रहे सुभाष चंद्र शाक्य को नया डीसीपी साउथ बनाया गया. इस मामले में 20 से ज्यादा लोगों को हिरासत में भी लिया गया.

मॉल की तरफ से नोटिस जारी किया गया

मॉल प्रबंधन ने एक नोटिस जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि मॉल के अंदर किसी भी धार्मिक कार्य या प्रार्थना की अनुमति नहीं दी जाएगी.

17 जुलाई को लेटर जारी कर मॉल प्रबंधक ने दी सफाई

लुलु मॉल के क्षेत्रीय निदेशक जयकुमार गंगाधर ने लेटर जारी कर लखनऊ की जनता का आभार जताया. मॉल की तरफ से जारी लेटर में कहा गया कि मॉल पूरी तरह व्यावसायिक है और यहां किसी भी जाति और धर्म का भेदभाव नहीं होता, लेटर में ये भी लिखा कि हमारे यहां 80% से ज्यादा हिंदू कर्मचारी हैं बाकी मुस्लिम ईसाई और अन्य धर्म के लोग हैं, प्रतिष्ठान में किसी को भी धार्मिक गतिविधि संचालित करने की छूट नहीं है और नमाज पढ़ने वालों के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है. लु

पिछले कुछ दिनों से लुलु मॉल को लेकर जो विवाद चल रहा है.

मॉल ने जारी किया लेटर

ADVERTISEMENTREMOVE AD

कौन हैं लुलु मॉल का मालिक?

लुलु मॉल उतर भारत का सबसे बड़ा मॉल बताया जा रहा है, जिस दिन इस मॉल का उद्धघाटन सीएम योगी ने किया था उसी दिन करीब एक लाख लोग इस मॉल में पहुंचे थे. मॉल ने खुलते ही रिकॉर्ड तो बना दिया, लेकिन गलत वजहों से चर्चा का केंद्र बन गया और कुछ लोगों के लिए विवाद की वजह.

इस मॉल के मालिक केरल के रहने वाले एम ए युसूफ जिन्होंने दुनिया भर में लुलु ग्रुप की कमान संभाल रखी है. युसुफ अली ने अबू धाबी जाकर इतना बड़ा बिजनेस किया कि आज वे दुनिया के टॉप अरबपतियों में शामिल हो गए हैं. अबू धावी स्थित लुलु ग्रुप ने अब भारत में विस्तार करना शुरू कर दिया. ग्रुप के सुपरमार्केट दक्षिण भारत के कई शहरों में पहले से मौजूद थे, लेकिन उत्तर भारत मे उनका पहला मॉल लखनऊ में खुला है. 1973 में युसूफ भारत छोड़कर अबू धाबी शिफ्ट हो गए थे और वहीं से कारोबार शुरू किया. उनकी कंपनी का टर्नओवर अरबों में हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×