ADVERTISEMENTREMOVE AD

जबलपुर: 5 साल के बच्चे की अस्पताल की दहलीज पर मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

जबलपुर कलेक्टर ने इस मामले में जांच के निर्देश दिए हैं.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

मध्य प्रदेश में जबलपुर (Jabalpur) में हेल्थ सिस्टम सवालों के घेरे में हैं. आरोप है कि जबलपुर के बरगी विकासखंड स्थित शासकीय आरोग्यम अस्पताल (Government Arogyam Hospital) में 5 साल के बच्चे ने समय से इलाज न मिलने की वजह से अपनी मां की गोद में दम तोड़ दिया. अस्पताल के डॉक्टर पर आरोप लग रहा है कि वो ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे, जिस वजह से बच्चे को सही वक्त पर इलाज नहीं मिल सका.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

चरगवां थाना क्षेत्र के तिनहेटा देवरी निवासी संजय पंद्रे अपने 5 साल के बेटे ऋषि को इलाज के लिए बरगी के स्वास्थ्य आरोग्यम केंद्र लेकर पहुंचे थे. संजय के मुताबिक अस्पताल में न तो कोई जिम्मेदार अधिकारी थे और न ही डॉक्टर. बेबस मां और परिजन काफी देर तक बेटे को लेकर अस्पताल के दरवाजे पर ही इंतजार करते रहे, लेकिन कई घंटों तक जब डॉक्टर नहीं पहुंचे तो बच्चे की हालत बिगड़ती चली गई और अस्पताल की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया. नाराज घरवालों का कहना है कि समय पर इलाज मिल जाता तो मासूम की जान बच जाती.

क्या डॉक्टर नहीं थे मौजूद

घटना के बाद स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टर तीज पर्व की वजह से देर से आईं, जिसकी वजह से बच्चे को इलाज नहीं मिल सका. हालांकि डॉक्टर संजय मिश्रा, क्षेत्रीय संचालक का कहना है कि प्राइमेरी हेल्थ सेंटर में दो डॉक्टरों होते हैं, एक डॉक्टर लोकेश श्रीवास्तव सुबह से ड्यूटी पर थे, वहीं रही बात दूसरे डॉक्टर की तो वो तीज पर्व की वजह से छुट्टी पर थीं लेकिन अवकाश पर रहने के बावजूद घटना की जानकारी मिलने के बाद वो अस्पताल पहुंचीं.

डॉक्टर संजय मिश्रा ने परिवार के आरोपों को गलत बताते हुए कहा,

"बच्चा मृत अवस्था मे अस्पताल लाया गया था. बालक पहले से जला हुआ था और स्थानीय स्तर पर उसका इलाज चल रहा था. इसी दौरान बच्चे की तबियत जब बिगड़ी तो परिवार वाले अस्पताल लेकर आए, लेकिन वो अवस्था में ही अस्पताल पहुंचा था. बच्चे को सेप्टीसीमिया हो गया था. मौके पर मौजूद डॉक्टर ने माता पिता को स्तिथि से अवगत करा दिया था, माता पिता संतुष्ट होकर अस्पताल से चले गए थे, लेकिन स्थानीय लोगो ने माता पिता को वापस बुलाकर मामले को उलझाया."

वहीं जबलपुर के कलेक्टर ने कहा, "डॉक्टरों की टीम ने बच्चे को अटेंड किया था, जिसमें डॉक्टर्स ने पाया कि बच्चा मृत अवस्था में है. डॉक्टरों ने उसके पोस्टमार्टम करने की सलाह दी, लेकिन उसके पेरेंट्स ने मना कर दिया. इस संबंध में घटना की जांच के निर्देश दिए हैं. पीड़ित परिवार के दुख की घड़ी में प्रशासन उनके साथ है."

(इनपुट-शिव चौबे)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×