मध्य प्रदेश के शिवपुरी से एक बार फिर इंसानियत को झकझोरने वाली तस्वीरें सामने आई हैं. मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर बने कोटा नाके पर जहां MP के शिवपुरी और राजस्थान के बांरा जिले की सीमा मिलती है वहां मजदूर बस के इंतजार में शौचालय में डेरा डाले मिले. जिन्हें वहां भी जगह नहीं मिली वो आधी धूप या दीवार की थोड़ी छांव में सिमटने की कोशिश करते नजर आए.
कोरोना वायरस का प्रकोप, लॉकडाउन की मार और चिलचिलाती धूप ने इन प्रवासी मजदूरों को मजबूर कर दिया कि वो पास में बने शौचालय में जाकर रुकें.
कुछ दिनों पहले तक यहां पैदल चलने वाले मजदूरों की काफी आवाजाही रही, लेकिन अब सड़क पर सन्नाटा पसरा है. पारा 40 डिग्री के पार है ऐसे में मजदूर पैदल चलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे.
इस पर शिवपुरी के एडिशनल कलेक्टर आरएस बलौदिया का कहना है कि
हमने गोदामों में प्रवासी मजदूरों के रुकने की व्यवस्था की है. लेकिन ये लोग शौचालय में कैसे रुक गए ये जांच का विषय है. हम इसकी जांच करेंगे और कड़ा एक्शन लेंगे.आरएस बलौदिया, एडिशनल कलेक्टर
गुना में भी मजदूरों को शौचालय में रुकना पड़ा था
मई के शुरुआती दिनों में मध्य प्रदेश के ही गुना जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें आई थीं. राजगढ़ से लौटे मजदूर के परिवार को स्थानीय प्रशासन ने शौचालय में क्वॉरंटीन कर दिया. टोडर ग्राम पंचायत के स्कूल में जगह नहीं मिल सकी, इसलिए परिवार को शौचालय में ही क्वॉरंटीन रहना पड़ा.
मजदूर अपने परिवार के साथ शौचालय में ही रहने को मजबूर रहा. स्थानीय गांव के सरपंच और सचिव ने स्कूल खोलने की जहमत नहीं उठाई. कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की फोटो ट्विटर पर डालीं तो प्रशासन जागा. बताया जा रहा है कि अब भाईलाल की व्यवस्था स्कूल में ही कर दी गयी है.
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