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महादेव सट्टेबाजी ऐप का मालिक रवि उप्पल दुबई में गिरफ्तार

उप्पल की जांच छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस के अलावा कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा की जा रही है.

Published
भारत
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महादेव ऑनलाइन (Mahadev App) सट्टेबाजी ऐप के दो मुख्य मालिकों में से एक रवि उप्पल को ईडी के आदेश पर इंटरपोल द्वारा जारी रेड नोटिस के आधार पर स्थानीय पुलिस ने दुबई में हिरासत में लिया है. इंडियन एक्सप्रेस को आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि 43 वर्षीय उप्पल को पिछले हफ्ते उस देश में हिरासत में लिया गया था और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी उसे भारत भेजने के लिए दुबई के अधिकारियों के संपर्क में हैं.

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इंटरपोल द्वारा रेड नोटिस जारी

उप्पल की जांच छत्तीसगढ़ पुलिस और मुंबई पुलिस के अलावा कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा की जा रही है.

जांच एजेंसी ने अक्टूबर में छत्तीसगढ़ के रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की एक विशेष अदालत के समक्ष उप्पल और इंटरनेट-आधारित प्लेटफॉर्म के एक अन्य प्रमोटर, सौरभ चंद्राकर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग आरोप पत्र दायर किया था.

ईडी के अनुरोध के आधार पर इंटरपोल द्वारा बाद में एक रेड नोटिस जारी किया गया था.
उप्पल की जांच छत्तीसगढ़ और मुंबई पुलिस के अलावा कथित अवैध सट्टेबाजी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा की जा रही है.

ED ने आरोप पत्र में क्या कहा?

एजेंसी ने आरोप पत्र में अदालत को सूचित किया था कि उप्पल ने प्रशांत महासागर में एक द्वीप देश वानुअतु का पासपोर्ट लिया है, जबकि उसने भारतीय नागरिकता नहीं छोड़ी है.

उप्पल, ईडी ने अभियोजन की शिकायत में कहा, "अपराध की आय उत्पन्न की और उसका आनंद लिया और उन्हें छिपाने में शामिल है."

इसमें आरोप लगाया गया था कि उप्पल "चंद्रभूषण वर्मा", एक सहायक पुलिस उपनिरीक्षक और कुछ अन्य लोगों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के नौकरशाहों और राजनेताओं को रिश्वत के पैसे पहुंचाने की देखरेख कर रहा था.

ईडी के अनुसार, इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है.

आरोप "जांच का विषय"

एजेंसी ने नवंबर में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण से ठीक पहले दावा किया था कि फोरेंसिक विश्लेषण और असीम दास नामक 'कैश कूरियर' द्वारा दिए गए बयान से "चौंकाने वाले आरोप" लगे हैं कि महादेव सट्टेबाजी ऐप प्रमोटरों ने लगभग 508 करोड़ रुपये का भुगतान किया है.

इस पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने कहा था कि ये आरोप "जांच का विषय" हैं.

दास ने बाद में रायपुर की विशेष अदालत में कहा था कि उन्हें एक साजिश के तहत फंसाया गया था और उन्होंने कभी भी राजनेताओं को नकदी नहीं पहुंचाई थी.

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ED ने महादेव ऐप के बार में क्या बताया?

अधिकारियों ने कहा कि ईडी की जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक ऐप यूएई के एक केंद्रीय प्रधान कार्यालय से चलाया जाता है. इसमें कहा गया था कि यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70-30 प्रतिशत लाभ अनुपात पर "पैनल/शाखाओं" की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होता है.

इसमें कहा गया था कि सट्टेबाजी की आय को विदेशी खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किया जाता है.

ईडी ने कहा था कि नए उपयोगकर्ताओं और फ्रेंचाइजी (पैनल) चाहने वालों को आकर्षित करने के लिए सट्टेबाजी वेबसाइटों के विज्ञापन के लिए भारत में बड़े पैमाने पर नकद खर्च भी किया जा रहा है.

कंपनी के प्रवर्तक छत्तीसगढ़ के भिलाई से हैं और महादेव ऑनलाइन बुक सट्टेबाजी एप्लिकेशन एक प्रमुख सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को सक्षम करने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्मों की व्यवस्था करता है.

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