Wrestlers Protest: यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के समर्थन में लगातार हो रही महापंचायतों ने हरियाणा और उसके आस-पास के इलाकों में राजनीतिक माहौल को और गर्म कर दिया है. पिछले चार दिनों में उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर और हरियाणा के कुरुक्षेत्र और सोनीपत जिलों में तीन महापंचायतें हो चुकी हैं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों के लोगों ने भाग लिया.
BJP सांसद की गिरफ्तारी की मांग
क्षेत्र के प्रमुख किसान और खाप नेताओं ने इन महापंचायतों को संबोधित करते हुए विरोध करने वाले पहलवानों को अपना समर्थन दिया है, जिन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया है.
तीन महापंचायतों का आयोजन हुआ
28 मई को दिल्ली में प्रदर्शन के दौरान विरोध करने वाले पहलवानों को घसीटे जाने और उनके साथ हाथापाई करने के तुरंत बाद तीन महापंचायतों का आयोजन किया गया, जिसके बाद पहलवानों ने घोषणा की कि वे अपने पदक गंगा में विसर्जित करेंगे, जिसने इस मुद्दे को और भी भावुक कर दिया.
आंदोलन को और राज्यों में फैलान की तैयारी!
मौजूदा आंदोलन का नेतृत्व कर रहे कई पहलवान हरियाणा के ग्रामीण इलाकों से हैं. इस मुद्दे ने पहले ही राज्य में काफी गर्मी पैदा कर दी है. अब आंदोलन नए क्षेत्रों में फैलने की तैयारी में है.
रविवार (4 जून) को सोनीपत के मुंडलाना गांव में हुई महापंचायत में दलित नेता और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद और राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के नेता जयंत चौधरी ने पहलवानों का समर्थन किया.
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनसे (पहलवानों) राजस्थान का दौरा करने का आग्रह किया, यह कहते हुए कि वहां के लोग उनका समर्थन करने के लिए तैयार हैं.
अगर पहलवान अब राजस्थान का दौरा करते हैं तो वहां भी राजनीतिक माहौल गर्म करना लाजिमी है क्योंकि राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
हरियाणा में विपक्ष ने सत्तारूढ़ बीजेपी-जेजेपी गठबंधन पर पहले से ही अपना हमला तेज कर दिया है, उन पर पहलवानों के मुद्दे को सरकार के उच्चतम स्तर पर "प्रभावी ढंग से" नहीं उठाने का आरोप लगाया है.
विपक्ष राज्य सरकार पर बढ़ा सकता है दबाव
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस संवेदनशील मुद्दे पर ''चुप्पी'' बनाए रखने के लिए प्रदेश बीजेपी नेताओं पर हमला बोला है. पहलवानों के बढ़ते समर्थन के साथ, विपक्ष आने वाले दिनों में सत्ताधारी गठबंधन पर दबाव बढ़ा सकता है.
बढ़ते दबाव के बावजूद, मनोहर लाल खट्टर सरकार, अपने कुछ नेताओं को छोड़कर, काफी हद तक इस रुख पर अड़ी हुई है कि कानून अपना काम करेगा.
खट्टर ने पहले कहा था कि वह विरोध प्रदर्शन करने वाले पहलवानों का समर्थन नहीं करते हैं.
'मामला खिलाड़ियों और केंद्र सरकार से संबंधित'
उन्होंने कहा: "यह मुद्दा हरियाणा से संबंधित नहीं है. यह खिलाड़ियों की टीमों और केंद्र सरकार से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट पहले ही FIR दर्ज करने का आदेश दे चुका है.
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