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महाराष्ट्र असेंबली स्पीकर पटोले ने कभी खोला था PM के खिलाफ मोर्चा

नानाभाई पटोले ने बीजेपी की टिकट से प्रफुल्ल पटेल को दी थी मात

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विदर्भ के भंडारा से आने वाले नाना पटोले महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर बनाए जा चुके हैं. क्षेत्र के कद्दावर और मुखर राजनेता पटोले ने 2014 में बीजेपी के टिकट पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल को चुनाव हराया था.

पटोले ने 2017 में प्रधानमंत्री मोदी पर महाराष्ट्र, किसानों और ओबीसी समुदाय को नजरंदाज करने के आरोप लगाकर सांसद पद से इस्तीफा दे दिया था. बीजेपी छोड़ने के बाद उन्होंने कांग्रेस ज्वाइन की थी.

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कांग्रेस से शुरू किया सियासी सफर, पहला चुनाव निर्दलीय लड़े

पटोले का सियासी सफर कांग्रेस पार्टी से शुरू हुआ. 1990 में वे भंडारा जिला पंचायत के सदस्य बने. जब कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा का टिकट नहीं दिया, तो वे निर्दलीय चुनाव लड़े. पर बीजेपी प्रत्याशी ने उन्हें चुनाव हरा दिया.

इसके बाद 1999 से 2014 के बीच वे तीन बार चुनाव जीते. हाल के चुनावों में वे चौथी बार विधानसभा चुनाव जीते हैं.

कांग्रेस आलकमान से टकराव और प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ मोर्चा

2008 के शीत सत्र में पटोले ने चावल किसानों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने पार्टी नेतृत्व की खुलकर आलोचना की. उनका नेतृत्व से टकराव इतना बढ़ गया कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी.

2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन्होंने गठबंधन के प्रत्याशी प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा. पर पटोले भारी अंतर से चुनाव लड़ा.

2014 में प्रफुल्ल पटेल को दी बड़ी शिकस्त

प्रफुल्ल पटेल को एनसीपी के सबसे कद्दावर नेताओं में से एक माना जाता है. यूपीए सरकार में वे नागरिक उड्डयन मंत्री रहे और उन्हें शरद पवार का सबसे खास आदमी माना जाता है.

2009 में चुनाव हारने के बाद 2014 का लोकसभा चुनाव पटोले ने बीजेपी के टिकट पर लड़ा और प्रफुल्ल पटेल को करारी शिकस्त देकर अपना बदला पूरा किया.

बीजेपी के खिलाफ खोल दिया मोर्चा

पटोले ने शत्रुध्न सिन्हा और यशवंत सिन्हा की तरह बीजेपी के भीतर रहते हुए पीएम मोदी के खिलाफ मोर्चा खोला था. उन्होंने कहा कि पीएम सांसदों के सवालों से नाराज हो जाते हैं.

उन्होंने प्रधानमंत्री पर महाराष्ट्र के साथ भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि फडणवीस केंद्र सरकार के सामने महाराष्ट्र के हक का पैसा मांगने में डरते हैं. जबकि मुंबई देश का सबसे ज्यादा कर देने वाला शहर है.

ऐसे ही टकरावों के बीच उन्होंने 2017 में बीजेपी छोड़ दी. 2019 में उन्होंने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ कांग्रेस की टिकट से लोकसभा चुनाव भी लड़ा. पर वे बुरी तरह हार गए.हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने जीत दर्ज की और खुद सोनिया गांधी ने उनका नाम स्पीकर पद के लिए आगे किया.

माना जाता है कि मुखर स्वाभाव के पटोले किसी के खास नहीं हैं. अगर मुद्दों की बात हो तो वे खुलकर अपने लोगों के खिलाफ भी बात कह देते हैं.

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