ADVERTISEMENTREMOVE AD

PM के ‘दिया जलाओ’ मुहिम से पावर ग्रिड फेल हो सकता है: नितिन राउत

PM ने लोगों से की है मोमबत्ती जलाने की अपील

Updated
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

पीएम मोदी ने देश की जनता से अपील करते हुए कोरोना संकट के बीच एक-दूसरे का मनोबल बढ़ाने के लिए 5 अप्रैल को रात 9 बजे, 9 मिनट तक अपने घरों की लाइट बंद कर दिया, मोमबत्ती, टॉर्च या मोबाइल लाइट जलाने की अपील की है. पीएम की इस अपील पर महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने पावर ग्रिड फेल होने की चिंता व्यक्त करते हुए लोगों से लाइट ना बंद करते हुए दिए या मोमबत्ती जानने की बात कही है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

राउत का कहना है की एक साथ सभी लाइटें बंद होने से डिमांड और सप्लाई में भारी अंतर की वजह से फ्रीक्वेंसी में असर पड़ेगा और ग्रिड भी फेल हो सकती है. अगर ऐसा हुआ तो इसका सीधा परिणाम आपातकालीन सेवाओं पर पड़ेगा.

आवश्यक लाइटें बिना बुझाए ही दिया या मोमबत्ती लगाएं. उनके मुताबिक लॉकडाउन के चलते राज्य में बिजली की डिमांड 23 हजार मेगावाट से घटकर 13 हजार पर आ चुकी है. राउत ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पावर ग्रिड फेल हुई तो ठीक करने में 12 से 16 घंटे लग सकते हैं. इसलिए बिजली मिलती रहे, इसके लिए जरूरी है कि सभी एक साथ लाइटें ना बुझाएं. क्योंकि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में बिजली बहुत ही अहम हथियार है.- नितिन राउत, ऊर्जी मंत्री

मंत्री के बयान पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप शुरू

ऊर्जा मंत्री के बयान के बाद राजनीति आरोप प्रत्यारोप भी शुरू हो चुके है. बीजेपी विधायक राम कदम ने एक वीडियो जारी कर राउत के ज्ञान पर सवाल उठाते हुए कहा- मंत्री महोदय अगर किसी जानकार व्यक्ति से बात कर अपनी बात रखते तो अच्छा होता.’’ उन्होंने आगे कहा,

व्हॉट्सएप मेसेज के आधार पर बोलना ठीक नहीं है. मंत्री को ये तो पता होगा की लोग हर रात को अपने घरों की लाइट बंद करते हैं और सुबह उठने के बाद बिजली का उपयोग शुरू होता है. ऐसे में क्या रोज पावर ग्रिड फेल होता है? मुझे लगता है की महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना संकट में लोगों की मदद पर ध्यान देने की ज़रूरत है.
राम कदम, बीजेपी विधायक

महाराष्ट्र के पूर्व ऊर्जा राज्य मंत्री मदन येरावार ने कहा, 'नितिन राउत का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है मंत्री नितिन राउत को ऊर्जा विभाग का अनुभव कम है, इसलिए उन्होंने ऐसा बयान दिया है. राज्य में डिमांड और सप्लाई को नियंत्रित करने वाले जानकार अधिकारी हमारे पास हैं, वो इससे अच्छी तरह निपटने के लिए तैयार और सजग हैं.’

लेकिन महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री के बयान के बाद निश्चित तौर पर लोगों में भारी भ्रम की स्थिति है. लिहाजा केंद्र सरकार को बयान जारी कर अपनी बात रखनी चाहिए, नहीं तो कोरोना संकट से लड़ रही जनता के सामने कही बिजली का संकट ना पैदा हो जाये.

पढ़ें ये भी: पीएम मोदी ने शेयर की अटल बिहारी की कविता- ‘आओ दिया जलाएं’

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×