ट्रांसजेंडर (Transgender) समाज का वो हिस्सा है, जो आज तक समाज से दूर रहा है लेकिन देश में पहली बार ऐसा हो रहा है कि ट्रांसजेंडर के लिए एक अभिनव उपक्रम की शुरुआत की जा रही है. महाराष्ट्र के पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ महानगर पालिका ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है, जिसकी सराहना हर तरफ हो रही है.
पिंपरी चिंचवड़ महानगर पालिका की ओर से तृतीय पंथी यानी ट्रांसजेंडर को अब नौकरी, व्यवसाय, स्वास्थ्य संबधी उपचार के क्षेत्रों में काम करने के लिए प्रशासन ने अहम कदम उठाया है.
कई क्षेत्रों में दिया जा रहा मौका
ट्रांसजेंडर के लिए पेंशन, नोकरियां, व्यवसाय और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. 50 साल से ज्यादा उम्र के ट्रांसजेंडर्स के लिए 3 हजार रूपये पेंशन दी जायेगी. जो भी पिंपरी चिंचवड़ शहर में रहते हैं उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा. इसके अलावा शहर के 2 गार्डन की देखभाल का काम ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को दिया जा रहा है.
ट्रांसजेंडर को स्वास्थ्य संबधी इलाज के लिए शहर के यशवंतराव चव्हाण अस्पताल में स्वतंत्र बेड आरक्षित रखा जाएगा, जहां उन्हें इलाज मिलेगा और उनके लिए सेपरेट वाशरूम की सुविधा दी जाएगी. पिंपरी चिंचवड़ महापालिका देश में शायद यह पहली नगरनिगम है, जिसने इस तरह ट्रांसजेंडर के लिए अहम कदम उठाया है.
इस ऐतिहासिक कदम को लेकर शहर के हजारों ट्रांसजेंडर को सम्मान के साथ जीने का अधिकार प्राप्त होगा.
ट्रांसजेंडर के लिए कार्यरत कई संगठन महापालिका के आयुक्त राजेश पाटिल और समाज कल्याण के उपायुक्त अजय चाटंनकर से मिलकर ट्रांसजेंडर का डाटा जमा करने का काम शुरू किया है, जिससे ट्रांसजेंडर की संख्या का पता चलेगा.
इस योजना को लेकर ट्रांसजेंडर में खुशी की लहर है. ट्रांसजेंडर कम्युनिटी के लोगों का कहना है कि
भीख मांगना मजबूरी होती है लेकिन आज कल ट्रांसजेंडर पढ़े लिखे हैं, उन्हें सम्मान के साथ जीना है और पिंपरी चिंचवड़ महापालिका उन्हें यह मौका दे रही है, जिसके वे शुक्रगुजार हैं.
दूसरी ओर पिंपरी चिंचवड़ महापालिका के समाज कल्याण विभाग के उपायुक्त अजय चाठनकर ने बताया कि,
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ पूरा देश मना रहा है. इसीलिए हमने समाज का आखरी घटक जो वंचित रहा है उसे भी शामिल करने की कोशिश की. ट्रांसजेंडर भी इंसान ही हैं उन्हें अपनी पहचान और रोजी रोटी देने का प्रयास पिंपरी चिंचवड़ महापालिका प्रशासन द्वारा किया जा रहा है. महापालिका आयुक्त राजेश पाटिल और प्रशासन की अहम कदम से हजारों ट्रांसजेंडर्स को काम और नाम दोनों मिलेगा.
इनपुट- अविनाश पर्बत
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