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‘मॉल-हॉस्पिटल-होटल पार्किंग के पैसे लेंगे तो लाइसेंस कैंसिल’

पकड़ा गया मॉल, हॉस्पिटल और होटलों का झूठ

Updated
भारत
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क्या आपको मालूम है फाइव स्टार होटल, हॉस्पिटल और मॉल में फ्री पार्किंग कंज्यूमर का हक है? अगर नहीं तो अब जान लीजिए. दिल्ली की एक नगर निगम के मुताबिक मॉल, होटल और हॉस्पिटल को एक्स्ट्रा कंस्ट्रक्शन की मंजूरी के बदले शर्त यही होती है कि वो मुफ्त पार्किंग देंगे.

साउथ दिल्ली नगरनिगम के मुताबिक जो पार्किंग मुफ्त में मिली हो उससे मॉल, होटल और हॉस्पिटल पैसा कमाकर शर्तों तोड़ रहे हैं, इसलिए जो ऐसा करेगा उसका लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाएगा.

लेकिन ये मामला सिर्फ साउथ दिल्ली का नहीं है. पूरे देश में मॉल, हॉस्पिटल और होटल पार्किंग के नाम पर मनमाना चार्ज कर रहे हैं और उन्होंने इसे लोगों को सहूलियत के बजाए कमाई का धंधा बना लिया है.

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क्या आप जानते हैं कि बड़े मॉल, होटलों, हॉस्पिटल को लाइसेंस देने के लिए मुफ्त पार्किंग सबसे बड़ी शर्त होती है क्योकि इसी के लिए अतिरिक्त कंस्ट्रक्शन करने की मंजूरी दी जाती है. लेकिन ज्यादातर ऐसी जगहों पर मनमाना पार्किंग चार्ज वसूला जा रहा है. 

दक्षिण दिल्ली नगर निगम (SDMC) की स्टैंडिंग कमेटी की चेयरमैन शिखा राय के मुताबिक बार बार चेतावनी के बाद भी लगातार पार्किंग चार्ज वसूलने की शिकायतें आ रही हैं.

आम तौर पर किसी पब्लिक बिल्डिंग में पार्किंग के लिए एक्स्ट्रा अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन की मंजूरी इसी शर्त पर मिलती है कि इसका कोई कमर्शियल इस्तेमाल नहीं होगा, मतलब जो चीज मुफ्त मिली है उससे कोई कमाई नहीं की जाएगी.

फाइव स्टार होटल भी दायरे में

इसी तरह का नोटिस दिल्ली के फाइवस्टार होटल ह्यात को भी दिया गया है. नगर निगम के मुताबिक होटलों अगर वॉलेट पार्किंग का चार्ज ले रहे हैं तो उन्हें साफ साफ नोटिस लगाना होगा कि अगर कोई वॉलेट सुविधा नहीं लेगा तो पार्किंग का चार्ज नहीं लगेगा.

दरअसल ज्यादातर शहरों में ये नियम है कि मॉल, हॉस्पिटल या बड़े होटलों को इसी शर्त के साथ अतिरिक्त फ्लोर के कंस्ट्रक्शन की मंजूरी मिलेगी कि वो बेसमेंट में फ्री पार्किंग की सुविधा देंगे.

साउथ दिल्ली नगर निगम की स्टैंडिंग कमेटी की चेयरमैन शिखा राय के मुताबिक कई मॉल और हॉस्पिटल एमसीडी के आदेश के खिलाफ अदालत जरुर गए हैं लेकिन अदालत ये नहीं कहा है कि फैसला आने तक वो पार्किंग के पैसे लेना जारी रख सकते हैं.
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पार्किंग के पैसे लेना मना है

इस मामले पर पहले भी नगरनिगम ने पब्लिक नोटिस जारी किया था जिसमें मॉल, ऑफिस कॉम्प्लेक्स और हॉस्पिटल को जनता से पार्किंग शुल्क नहीं लेने को कहा गया था.

अब इस ताजा फैसले से पूरे देश में पार्किंग फीस पर बहस छिड़ना तय है. जिसका तर्क यही है कि मुफ्त पार्किंग का वादा करके मुकरने को नियम और शर्तों को तोड़ना माना जाना चाहिए. इसलिए नियम तोड़ने पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए.

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