भगौड़ा विजय माल्या ने अदालत से अपने 13,000 करोड़ रुपए के एसेट और प्रॉपर्टी बेचने की मंजूरी मांगी है, ताकि वो बैंकों का बकाया चुका सके.
माल्या और उनकी यूनाइटेड ब्रेवरीज ने कर्नाटक की एक अदालत में 22 जून को एक अर्जी लगाई है कि बकायेदारों का पैसा चुकाने के लिए उन्हें अपनी संपत्ति बेचने की मंजूरी दी जाए. माल्या की तरफ से बयान जारी किया गया है कि वो बैंकों की रकम चुकाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
लंदन में बैठे विजय माल्या ने कहा है कि उस पर बैंकों के धोखाधड़ी के आरोप पूरी तरह झूठे हैं. माल्या ने पहली बार इस मुद्दे पर मुंह खोला है. शराब कारोबारी के मुताबिक, उसने बैंकों का कर्ज नहीं खाया, फिर भी वो पाई-पाई चुकाने को तैयार है, बशर्ते उसे मौका मिले.
माल्या के मुताबिक, उसे बैंक धोखाधड़ी का पोस्टर बॉय बना दिया गया, जिससे वो लोगों के दिमाग में विलेन बन गया है. लेकिन अब वो लोगों को बैंक धोखाधड़ी के आरोपों की हकीकत से रूबरू कराना चाहता है.
शराब कारोबारी का दावा है कि उसने प्रधानमंत्री और वित्तमंत्री, दोनों को 15 अप्रैल 2016 को अपना पक्ष रखते हुए पत्र लिखे थे, लेकिन अफसोस कि दोनों चिट्ठी का जवाब नहीं मिला है.
नेताओं और मीडिया ने विलेन बनाया
माल्या के मुताबिक, राजनेताओं और मीडिया, दोनों ने उस पर किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9,000 करोड़ रुपयों के लोन की चोरी करके विदेश भाग जाने का आरोप लगाया है. कर्ज देने वाले बैंकों ने तो 'विलफुल डिफॉल्टर' भी घोषित कर दिया है.
माल्या का दावा, ज्यादा कर्ज नहीं बचा
सबसे अहम बात है कि माल्या ने दावा किया है कि उस पर कर्ज की मूल रकम करीब 5000 करोड़ रुपए ही है, लेकिन मीडिया में बढ़ा-चढ़ाकर गलत रकम बताई जा रही है.
किंगफिशर को दिए गए सभी लोन के लिए बाकायदा हर स्तर पर मंजूरी ली गई थी और बैंकों ने भी पूरी जांच-परख के बाद लोन दिया था. इसके बाद दिसंबर 2010 में रिजर्व बैंक की मंजूरी के बाद सभी कर्ज की रीस्ट्रक्चरिंग की गई.विजय माल्या
माल्या के मुताबिक, स्टेट बैंक समेत 17 बैंकों के कंसोर्शियम ने किंगफिशर को 5500 करोड़ रुपए का कर्ज दिया था. इसके बदले में गिरवी रखे शेयर बेचकर 600 करोड़ रुपए बैंकों ने जुटा लिए, जबकि 2013 से 1280 करोड़ रुपए कर्नाटक हाईकोर्ट के पास जमा करा दिया गया है.
कर्ज लौटा दूंगा बशर्ते...
माल्या का कहना है कि उसने कर्ज चुकाने की पूरी कोशिश की है. उसने कहा:
‘’मैं चाहता हूं, सरकारी बैंकों से लिया गया पूरा कर्ज लौटा दूं. लेकिन अगर राजनीतिक दुर्भावना से इस मामले में दखलंदाजी की जाएगी, तो मैं कुछ नहीं कर सकता.’’
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