पश्चिम बंगाल की सीएम और तृणमूल कांग्रेस चीफ ममता बनर्जी ने सीएए और एनआरसी का विरोध जताते हुए राज्य के लोगों से कहा है कि अगर कोई उनसे पहचान बताने के लिए कहे तो सीधे इंकार कर दें. ममता ने कहा कि वह किसी का अधिकार छीनने नहीं देंगीं.इसकी कभी भी इजाजत नहीं दी जाएगी. याद रखिये रिफ्यूजी की तरह राजवंशी (एथनिक ग्रुप) भी भारत के नागरिक हैं.
इससे पहले सोमवार को दिल्ली हिंसा को लेकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा 'राज्य प्रायोजित नरसंहार' थी. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश भर में दंगों का ‘गुजरात मॉडल’ लागू करने की कोशिश कर रही है.
ममता ने कहा,दिल्ली में हिंसा राज्य प्रायोजित
टीएमसी के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बनर्जी ने 1 मार्च को शहर में हुई अमित शाह की रैली में शामिल होने के लिए जाते हुए “गोली मारो..” के विवादित नारे लगाने वालों की निंदा की. उन्होंने आगे कहा
‘मैं दिल्ली में मासूम लोगों की हत्या से अत्यंत दुखी हूं. मेरे विचार से यह नरसंहार था...दिल्ली में हिंसा राज्य प्रायोजित थी.’
'सीएए के कारण मारे गए लोग'
बनर्जी ने दावा किया कि यह संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के कारण हुआ कि दिल्ली में “इतने सारे लोग मारे गए”. उन्होंने कहा कि “अमित शाह को यह बात अपने जहन में रखनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि बीजेपी को दिल्ली दंगों के लिए माफी मांगनी चाहिए. “बीजेपी पश्चिम बंगाल समेत पूरे भारत में दंगों का गुजरात मॉडल दोहराने की कोशिश कर रही है.” अमित शाह ने रविवार को पश्चिम बंगाल में एक रैली को संबोधित किया था, ये रैली सीएए के समर्थन में की गई थी. लेकिन इस रैली में बीजेपी के एक गुट ने गोली मारो...के नारे लगाए. वहीं, इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
ममता लगातार सीएए और एनआरसी के विरोध में रैलियां कर रही हैं. ममता ने कहा है कि उनके रहते राज्य में कोई भी सीएए और एनआरसी लागू नहीं कर सकता.
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