पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee ) ने 5 अगस्त को पीएम मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को लेटर लिखते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि ज्यादा आबादी वाले राज्य के बावजूद पश्चिम बंगाल को बहुत कम वैक्सीन डोज की आपूर्ति की जा रही है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा वो गुजरात, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक को अधिक वैक्सीन दे रही रही है.
न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार ममता बनर्जी ने कहा कि,
गुजरात, यूपी और कर्नाटक को अधिक संख्या में कोविड-19 वैक्सीन प्राप्त हुई हैं. मैं लोगों में भेदभाव नहीं करती. बंगाल को जनसंख्या घनत्व के अपेक्षा कम वैक्सीन मिली है. मैं केंद्र सरकार और पीएम से अपील करती हूं कि वो राज्यों में भेदभाव ना करें"
आवश्यकता से कम वैक्सीन देने का लगाया आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने अपने लेटर में लिखा कि "पश्चिम बंगाल में सभी पात्र लोगों को कवर करने के लिए कोविड-19 वैक्सीन के लगभग 14 करोड़ डोज की आवश्यकता है. वर्तमान में हम प्रतिदिन 4 लाख वैक्सीन डोज लगा रहे हैं, जबकि हम प्रतिदिन 11 लाख डोज देने में सक्षम है. अधिक जनसंख्या घनत्व होने के बावजूद हमें बहुत कम वैक्सीन मिल रही है"
ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों के कारण वर्तमान में पश्चिम बंगाल में कोविड-19 पॉजिटिविटी रेट 1.57% है. ये पहली बार नहीं है जब ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के लिए अधिक वैक्सीन की मांग करते हुए केंद्र सरकार को लेटर लिखा है. इससे पहले उन्होंने अपने दिल्ली दौरे पर पीएम मोदी से मुलाकात के दौरान भी वैक्सीन का मुद्दा उठाया था.
केंद्र वैक्सीन आपूर्ति में सक्षम नहीं- अभिजीत बनर्जी
ममता बनर्जी ने 5 अगस्त को कोविड-19 की तीसरी लहर पर ग्लोबल एडवाइजरी बोर्ड की बैठक की, जिसमें अभिजीत बनर्जी भी शामिल हुए. अभिजीत बनर्जी ने कहा कि,
"सबसे बड़ी समस्या यह है कि केंद्र देश के लिए वैक्सीन की आपूर्ति करने में सक्षम नहीं है. यदि पर्याप्त वैक्सीन होता तो यह दावे नहीं उठते. हमें पूरे देश के लिए आपूर्ति का जो वादा हुआ था, वह स्तर नहीं मिला".
अन्य राज्य भी उठाते रहे हैं वैक्सीन की किल्लत का मुद्दा
पश्चिम बंगाल ऐसा पहला राज्य नहीं है, जिसने वैक्सीन की किल्लत का मुद्दा उठाया है. इससे पहले दिल्ली ,महाराष्ट्र ,ओडिशा , केरल तमिलनाडु समेत कई राज्यों ने केंद्र सरकार की तरफ से वैक्सीन आपूर्ति में कमी की बात कही है.
सबसे अधिक वैक्सीन पाने वाले राज्यों मे शामिल महाराष्ट्र में भी लोगों को वैक्सीनेशन के लिए परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जमीनी हालात यह है कि पालघर जैसे जिलों के वैक्सीन सेंटरों में लोग वैक्सीन की उम्मीद में रात में ही बड़ी-बड़ी कतारों में खड़े हो जाते हैं लेकिन फिर भी उन्हें वैक्सीन नसीब नहीं हो रहा.
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