मणिपुर (Manipur) में जातीय संघर्ष को लेकर अभी तनाव कम नहीं हुआ कि इसका असर दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के नॉर्थ कैंपस इलाके में देखने को मिला है. यहां रहने वाले कुकी छात्रों के एक ग्रुप ने मैईती समूह के एक ग्रुप द्वारा हमले का आरोप लगाया है.
मणिपुर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई
अगले दिन, शुक्रवार को छात्रों ने दावा किया कि उन्होंने मौरिस नगर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करने की कोशिश की और जब पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया, तो छात्रों ने थाने के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
पुलिस ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है और कार्रवाई शुरू कर दी गई है और इस सिलसिले में कुछ छात्रों को हिरासत में लिया गया है.
अनुसूचित जनजाति (ST) श्रेणी में बहुसंख्यक मैईती समुदाय को शामिल करने को लेकर विरोध किया गया. इन विरोध प्रदर्शनों में पूर्वोत्तर राज्य के कुछ जिलों में अंतर-सामुदायिक संघर्ष हुए जिसके तुरंत बाद राज्य में हुई हिंसा के बाद यह घटना हुई है.
मणिपुर के पुलिस महानिदेशक पी डोंगल ने कहा है कि सुरक्षा बलों के हस्तक्षेप के बाद राज्य की स्थिति में सुधार हुआ है.
उन्होंने कहा कि, "मणिपुर में आरएएफ, बीएसएफ, सीआरपीएफ सहित बलों को तैनात किया गया है और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के प्रमुख कुलदीप सिंह को सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया है."
राज्य के डीजीपी ने कहा कि राज्य सरकार ने मणिपुर में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (खुफिया) आशुतोष सिन्हा को समग्र परिचालन कमांडर नियुक्त किया है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मणिपुर हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है. 16 लोगों के शव चूराचांदपुर जिले के अस्पताल के शवगृह में रखे गए हैं जबकि 15 शवों को इंफाल ईस्ट जिले के जवाहरलाल नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में रखा गया है. इंफाल वेस्ट के अस्पताल रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में 23 शवों को रखा गया है.
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