गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद पिछले साल निधन हो गया था. पर्रिकर पैनक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे. गोवा में खासे लोकप्रिय रहे मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 को गोवा राज्य के ही मापुसा गांव में हुआ था. आईआईटी बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पर्रिकर छात्र जीवन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे.
साल 1994 में गोवा की पणजी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पर्रिकर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता गया. आखिरकार साल 2000 में बीजेपी पहली बार सरकार बनाने में कामयाब हुई.
बीजेपी ने मनोहर पर्रिकर को मुख्यमंत्री के तौर पर चुना. इस तरह साल 2000 में वे पहली बार सूबे के प्रधान चुने गए. 2002 तक वे इस पद पर रहे. 2002 के चुनावों मेें बीजेपी को जीत मिली. इस बार पर्रिकर दूसरी बार मुख्यमंत्री बने. वे 2005 तक इस पद पर रहे.
2005 से 2012 के बीच बीजेपी राज्य में सत्ता से बाहर रही. आखिरकार पार्टी ने 2012 के चुनावों में जीत दर्ज की और पर्रिकर फिर मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी की पसंद बने.
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2014 तक पर्रिकर की पहचान देशभर में एक ईमानदार, शालीन और विनम्र नेता की बन चुकी थी. जब बीजेपी सत्ता में आई, तो 6 महीने बाद उन्हें रक्षामंत्री बनाया गया. यह उनके करियर की सबसे ऊंची उड़ान थी.
इस बीच 2017 के चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा नहीं रहा. पार्टी केवल 13 सीटें हासिल कर पाई. यहां तक कि कांग्रेस 17 सीटों के साथ बीजेपी से आगे रही. आखिरकार प्रदेश में पार्टी के गिरते ग्राफ को वापस उठाने के लिए पर्रिकर को गोवा भेजा गया. 2017 में वे फिर सीएम बनकर गोवा पहुंचे.
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