जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के अनंतनाग-राजौरी सीट पर लोकसभा चुनाव (Loksabha Election 2024) के छठे चरण का मतदान जारी है. इस दौरान पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती शनिवार सुबह धरना देने बैठ गईं. मुफ्ती का आरोप है कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को निशाना बनाया जा रहा है और गिरफ्तार किया जा रहा है. वहीं अनंतनाग पुलिस ने आरोपों का खंडन किया है.
क्यों धरने पर बैठी PDP चीफ मुफ्ती ?
दक्षिण कश्मीर में अनंतनाग-राजौरी लोकसभा सीट से महबूबा मुफ्ती उम्मीदवार हैं. यहां वो पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ अनंतनाग के बिजबेहरा पुलिस स्टेशन के बाहर धरने पर बैठी हैं. अपने कार्यकर्ताओं के गिरफ्तारी के साथ-साथ मुफ्ती ने यह भी दावा किया कि 'ईवीएम से छेड़छाड़' करने के प्रयासों के बारे में उन्हें शिकायतें मिल रही हैं.
मुफ्ती का आरोप है कि बिना किसी स्पष्टीकरण के उनके मोबाइल नंबर पर आउटगोइंग कॉल बंद कर दी गई है.
महबूबा मुफ्ती ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा,
"मैं सुबह से कोई फोन नहीं कर पा रही हूं. अनंतनाग लोकसभा क्षेत्र में मतदान के दिन सेवाओं के अचानक निलंबन के लिए किसी के पास कोई स्पष्टीकरण नहीं है."
PDP के अधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट पर भी इस मुद्दे को उठाया गया. पीडीपी ने 'एक्स' पर पोस्ट कर जानकारी दी कि "मतदान से ठीक पहले, महबूबा मुफ्ती के मोबाइल फोन की सेवा अचानक बंद कर दी गई है. कल शाम और आज तड़के, मतदान क्षेत्र में बड़ी संख्या में पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को हिरासत में लिया गया है."
बता दें, शुक्रवार को महबूबा मुफ्ती ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर दावा किया था कि पीडीपी कार्यकर्ताओं और मतदान एजेंटों को पुलिस ने हिरासत में लिया है.
वहीं मुफ्ती की मीडिया एडवाइजर इल्तजा मुफ्ती ने एक वीडियो जारी कर कहा कि "हमने जब अपने कार्यकर्ताओं के हिरासत में लिए जाने के बारे में पता लगाने की कोशिश की तो हमें बताया गया कि यह SP अनंतनाग और DIG दक्षिण कश्मीर के आदेश के मुताबिक किया जा रहा है."
'सुरक्षित चुनाव के मद्देनजर की गई गिरफ्तारी' - पुलिस
मुफ्ती के लगाए आरोपों पर पुलिस ने अपना पक्ष रखा है. अनंतनाग पुलिस ने दावा किया है कि हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या बहुत कम है और केवल दागी अतीत वाले लोगों तक ही सीमित है. हमने यह गिरफ्तारी मतदान के दिन कानून-व्यवस्था और सुरक्षा के मद्देनजर किया है. पुलिस ने यह कदम संभावित खतरों की मिली भरोसेमंद इनपुट के आधार पर उठाया है.
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