दुनिया के कई देशों में सेना में कुछ समय काम करना अनिवार्य है. फिलहाल भारत में भले ही ऐसा नहीं है, लेकिन सरकारी नौकरी की चाहत रखने वाले युवाओं को ऐसा करना पड़ सकता है. आने वाले समय में सरकारी नौकरी के लिए कम से कम पांच साल सीमा पर बिताने हो सकते हैं.
रक्षा मामलों पर संसद की स्थायी समिति ने रक्षा मंत्रालय से इसके लिए सिफारिश की है. इस सिफारिश को कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के साथ भी उठाया गया है, हालांकि विभाग की तरफ से अभी तक समिति को कोई जवाब नहीं आया है.
सेना में जवानों की कमी
संसदीय स्थायी समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि फिलहाल भारतीय सेना को जवानों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. सेना में करीब 70 हजार से अधिक पद खाली हैं. इन्हें नहीं भरने से काम करने वालों पर ज्यादा दबाव है.
समिति ने सुझाव दिया है कि इस परेशानी से निपटने के लिए देश के युवाओं को कम से कम पांच साल सैन्य सेवा में तैनात किया जाना चाहिए. ऐसा होने से सेना में जवानों की कमी भी पूरी होगी और युवाओं में अनुशासन भी आएगा.
इंडियन आर्मी में 7679 अधिकारियों नेवी में 1434 और एयरफोर्स में 146 अधिकारियों की कमी है. वहीं, सेना में जेसीओ और जवानों की बात करे तो आर्मी में 20185, नेवी में 14730 और एयरफोर्स में 15357 सैनिकों की कमी है.
सेना में कम लोग करते हैं अप्लाई
अपनी रिपोर्ट में समिति ने कहा कि देश के सभी सरकारी विभागों के लिए काफी तादाद में युवा आवेदन करते हैं. इंडियन रेलवे और बाकी विभागों में नौकरी के लिए युवाओं की तरफ से जितने आवेदन मिलते हैं. उसके आधे आवेदन भी सेना में नहीं आते हैं. लोगों का ध्यान सरकारी नौकरी पाने के लिए तो है लेकिन देश की सेवा करने के लिए सेना में आने की ओर नहीं है. ऐसे में सरकारी नौकरी से पहले सैन्य सेवा को अनिवार्य करने से फायदा हो सकता है.
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