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ड्रोन उड़ाने को लेकर कई नियमों में मिलेगी छूट, ड्रोन पॉलिसी ड्राफ्ट हुआ जारी

अब माइक्रो ड्रोन (नॉन कमर्शियल), नैनो ड्रोन और R&D ऑर्गनाइजेशन के ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं

Published
भारत
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नागरिक उड्डयन मंत्रालय (civil aviation ministry) ने गुरुवार 15 जुलाई को 'ड्राफ्ट ड्रोन रूल्स, 2021' जारी किया. इसे सार्वजनिक परामर्श के बाद नोटिफाई किया जाएगा. ड्रोन से जुड़े ये नए नियम इसी साल मार्च में जारी किए गए 'अनमैंड एयरक्राफ्ट सिस्टम रूल्स'(UAS) की जगह लेंगे. इन पर 5 अगस्त तक आम जनता अपनी राय दे सकती है.

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यह ड्राफ्ट प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में 'UAS या ड्रोन यातायात प्रबंधन की नीति' तैयार करने के लिए शीर्ष मंत्रियों की बैठक के कुछ दिन बाद ही जारी किया गया है. यह बैठक जम्मू स्थित भारतीय वायुसेना अड्डे पर ड्रोन हमले के बाद हुई थी.

अपने आधिकारिक बयान में मंत्रालय ने कहा कि इस ड्राफ्ट को तैयार करने का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि 'भारत में विश्वास,सेल्फ सर्टिफिकेशन और गैर-घुसपैठ निगरानी' के आधार पर ड्रोन का संचालन हो.

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी ट्वीट के जरिए पॉलिसी की जानकारी दी और कहा कि ये पॉलिसी ड्रोन इंडस्ट्री को एक में बड़ा बदलाव लाएगी.

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नए नियमों से कैसे होगा ड्रोन ऑपरेशन आसान?

ड्राफ्ट रूल्स के मुताबिक अब इनके लिये मंजूरी की आवश्यकता खत्म कर दी गई है-

  • यूनिक ऑथराइजेशन नंबर

  • यूनिक प्रोटोटाइप आईडेंटिफिकेशन नंबर सर्टिफिकेट ऑफ कॉन्फिडेंस

  • सर्टिफिकेट ऑफ मेंटेनेंस

  • आयात के लिए मंजूरी

  • स्टूडेंट पायलट लाइसेंस

  • रिमोट पायलट इंस्ट्रक्टर के लिए मंजूरी

  • ड्रोन पोर्ट ऑथराइजेशन

केंद्र सरकार इन नियमों को नोटिफाई करने की तारीख के 30 दिन के भीतर डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पब्लिश करेगी. यह ड्रोन ऑपरेशन के लिए एक एयरस्पेस मैप होगा जो भारत के पूरे हवाई क्षेत्र को रेड, येलो और ग्रीन जोन में बांट देगा.

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किस जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं होगी?

ग्रीन जोन. ड्राफ्ट रूल्स के अनुसार एयरपोर्ट से 8 से 12 किलोमीटर के बीच और जमीन से 200 फीट और 400 फीट के बीच का एयरस्पेस ड्रोन उड़ाने के लिए ग्रीन जोन होगा. यानी इसमें ड्रोन ऑपरेशन के लिए किसी भी मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी.

किस तरह के ड्रोन के लिए अब पायलट लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी?

केंद्र सरकार ने अपने ड्राफ्ट रूल्स में और भी कई छूट दी हैं. अब माइक्रो ड्रोन (नॉन कमर्शियल), नैनो ड्रोन और R&D ऑर्गनाइजेशन के ड्रोन को उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी.

क्या विदेशी कंपनियों के ड्रोन उड़ाने पर होगी पाबंदी?

नए ड्राफ्ट रूल के अनुसार वो विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियां भारत में ड्रोन ऑपरेशन के लिए स्वतंत्र हैं, जिन्होंने भारत में अपना रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है. उनको रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस इशू करने के पहले किसी भी सिक्योरिटी क्लीयरेंस की जरूरत नहीं होगी.

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