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मिशनरीज ऑफ चैरिटी के FCRA रजिस्ट्रेशन को मिली मंजूरी

एफसीआरए रजिस्ट्रेशन विदेशों से आने वाले डोनेशन के लिए जरूरी होता है.

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भारत
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शुक्रवार, 7 जनवरी को केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने मिशनरीज ऑफ चैरिटी (MoC) के एफसीआरए (Foreign Contribution Regulation Act) के रजिस्ट्रेश को बहाल कर दिया गया है. MoC नोबेल पुरस्कार विजेता मदर टेरेसा द्वारा बनाई गई एक कैथोलिक संस्था है, जो गरीबों और असहायों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है.

पिछले दिनों सरकार के द्वारा कुछ खामियों की वजह से मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने से मना कर दिया गया था.

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एफसीआरए रजिस्ट्रेशन विदेशों से आने वाले डोनेशन के लिए जरूरी होता है.

सरकार के द्वारा एमओसी के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू कर दिया गया है, जिससे अब संस्था के बैंक एकाउंट्स में विदेशों से फंड प्राप्त किया जा सकता है.

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक शुक्रवार, रजिस्ट्रेशन नंबर 147120001 वाले एनजीओ को 16908 NGOs की लिस्ट में शामिल किया गया, जिनका एफसीआरए रजिस्ट्रेशन अब एक्टिव है.

पश्चिम बंगाल में एमओसी सहित कुल 1030 एनजीओ विदेशी चंदे लेने के लिए एलिजिबल हैं.
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हजारों NGOs का रद्द हुआ है रजिस्ट्रेशन

रिपोर्ट के मुताबिक करीब 6 हजार NGOs का रजिस्ट्रेशन 1 जनवरी को रद्द हो चुका है क्योंकि गृह मंत्रालय ने कुछ संगठनों के रिन्यूअल एप्लीकेशन को रिफ्यूज कर दिया और कुछ संगठनों ने रिन्यू करने का एप्लीकेशन नहीं भेजा.

गृह मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि 25 दिसंबर को पात्रता शर्तों को न पूरा करने की वजह से मिशनरीज ऑफ चैरिटी के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने से मना कर दिया गया था. इसका लाइसेंस 31 अक्टूबर तक वैध था लेकिन जिनका रिन्यूअल पेंडिंग में था उन संगठनों के साथ इसकी भी वैधता बढ़ा दी गई थी.

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गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने 1 जनवरी को कहा कि रिन्यूअल आवेदन न करने की वजह से मंत्रालय के द्वारा 179 गैर-सरकारी संगठनों के एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू करने से मना कर दिया गया था. जिन NGOs के द्वारा 31 दिसंबर से पहले आवेदन किया गया था, उनके रिन्यूअल को स्वीकार करते हुए समय सीमा 31 मार्च तक बढ़ा दी गई.

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