ADVERTISEMENTREMOVE AD

मिजोरम: 11 मंत्रियों संग लालदुहोमा ने ली CM पद की शपथ, कहा- करप्शन पर होगा एक्शन

Mizoram Swearing Ceremony: के. सपडांगा को ZPM विधायक दल का डिप्टी लीडर नियुक्त किया गया है.

Published
भारत
2 min read
छोटा
मध्यम
बड़ा

मिजोरम में नई सरकार का गठन हो गया. जोरम पीपुल्स मूवमेंट (ZPM) नेता लालदुहोमा (73) ने शुक्रवार (8 दिसंबर) को मिजोरम के नए मुख्यमंत्री के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ ली. इसके साथ ही, लालदुहोमा इस पद पर रहने वाले मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) या कांग्रेस से संबंधित नहीं होने वाले पहले नेता बन गए. शपथ ग्रहण समारोह आइजोल के राजभवन परिसर में आयोजित किया गया.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

11 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

लालदुहोमा के अलावा 11 अन्य ZPM नेताओं ने भी मंत्री पद की शपथ ली. राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने लालदुहोमा और अन्य मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. के. सपडांगा को ZPM विधायक दल का डिप्टी लीडर नियुक्त किया गया है.

7 कैबिनेट और चार राज्यमंत्रियों ने ली शपथ

कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले सात विधायकों में जेडपीएम के कार्यकारी अध्यक्ष के सपडांगा, वनलालहलाना, सी. लालसाविवुंगा, ललथनसांगा, वनलालथलाना, पीसी वनलालरुआता और लालरिनपुई (नए कैबिनेट में एकमात्र महिला मंत्री) शामिल हैं.

चार राज्य मंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) एफ रोडिंगलियाना, बी लालचनज़ोवा, लालनिलवामा और लालनघिंगलोवा हमार को भी राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई

बता दें कि ZPM ने हाल ही में हुए मिजोरम विधानसभा चुनावों में 40 में से 27 सीटों पर जीत हासिल की है. ZPM का 2019 में ही एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत किया गया था, और 2018 के चुनावों में इसने 8 सीटों पर जीत हासिल की थीं.

शपथ ग्रहण में कौन-कौन हुआ शामिल

शपथ ग्रहण समारोह में एमएनएफ अध्यक्ष ज़ोरमथांगा (79), और पूर्व कांग्रेस मुख्यमंत्री लाल थनहावला (81) भी मौजूद थे.

शपथ ग्रहण के बाद, लालडुहोमा ने कहा कि उनकी सरकार का ध्यान "किसान-अनुकूल नीतियां, वित्तीय सुधार और भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान" होगा.

लालदुहोमा कौन हैं?

  • लालदुहोमा 1977 बैच के IPS अधिकारी हैं.

  • लालदुहोमा पहले ऐसे सांसद हैं, जिन्हें दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया गया था.

  • इनका जन्म म्यांमार की सीमा से लगे चंफाई जिले के तुआलपुई गांव में हुआ था.

  • लालडुहोमा की शिक्षा ही गरीबी से मुक्ति थी. उन्होंने शिक्षाविदों में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जिससे तत्कालीन केंद्र शासित प्रदेश के पहले सीएम सी चुंगा का ध्यान उनकी ओर आकर्षित हुआ, जिन्होंने उन्हें 1972 में अपने कार्यालय में प्रधान सहायक के रूप में नौकरी दी.

  • लालदुहोमा की नियुक्त जब IPS के तौर परगोवा में हुई थी तो उन्होंने ड्रग माफिया के खिलाफ जमकर कार्रवाई की, जिससे तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी काफी प्रभावित हुई और उन्होंने लालदुहोमा को दिल्ली बुला लिया और बाद में उन्हें अपनी सुरक्षा का हिस्सा बना लिया.

  • 1984 में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी, कांग्रेस में शामिल हो गए और मिजोरम से सांसद चुने गए. बाद में जब उन्हें सांसद से अयोग्य करा दिया गया तो उन्होंने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×