Delhi Ordinace: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार, 25 जुलाई को उस अध्यादेश को कानून में बदलने के लिए एक विधेयक को मंजूरी दे दी, जो केंद्र को दिल्ली में सेवाओं पर अधिक नियंत्रण देता है.
क्या है अध्यादेश?
केंद्र द्वारा 19 मई को जारी अध्यादेश का उद्देश्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना था, जिसने राष्ट्रीय राजधानी में अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग सहित सेवाओं के संबंध में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी थीं.
प्रस्तावित विधेयक उपराज्यपाल वीके सक्सेना को सेवाओं के मामले पर दिल्ली सरकार के साथ मतभेद व्यक्त करने का अधिकार देगा, इस हद तक कि वह पुनर्विचार के लिए फाइलों को दिल्ली कैबिनेट को वापस भेज सकेंगे.
अध्यादेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन
पिछले कुछ हफ्तों में, केंद्र सरकार के दिल्ली अध्यादेश पर अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली AAP और केंद्र की बीजेपी सरकार के बीच जमकर विवाद देखने को मिला है. कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों द्वारा समर्थित AAP अध्यादेश का विरोध कर रही है और उसने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी है.
(इनपुट-इंडिया टुडे)
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