केंद्र सरकार ने अपने मंत्रालयों और सरकारी विभागों से 'एक्सट्रा' खर्च में कटौती के लिए कहा है. अब सरकार के मंत्रालय ओवरटाइम भत्ता और रिवार्ड्स जैसे खर्चों में 20% की कटौती करेंगे. वित्त मंत्रालय ने मंत्रालयों और विभागों से "सभी परिहार्य गैर-योजनागत खर्चों में 20% की कमी का लक्ष्य रखने" के लिए कहा है.
कोरोना संकट के बीच सरकार की तरफ से इस तरह का निर्देश आया है. यह कदम, सरकार को बजट खर्च पर लगाम लगाने में मदद करेगा.
गुरुवार को वित्त मंत्रालय के खर्च विभाग ने एक ज्ञापन जारी किया जो भारत सरकार के सभी सचिवों और मंत्रालयों और विभागों के वित्तीय सलाहकारों को भेजा गया. ज्ञापन में लिखा है,
“सरकार ने फैसला किया है कि सभी मंत्रालयों / विभागों को फिजूलखर्ची / परिहार्य व्यय को रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए और नियंत्रणीय व्यय में 20% की कमी का लक्ष्य रखना चाहिए. सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि वे सभी परिहार्य गैर-योजनागत व्यय को कम करने के लिए कदम उठाएं और उपरोक्त निर्णय के अनुपालन में नियंत्रणीय व्यय (controllable expenditure) में 20% की कमी का लक्ष्य रखें. इस उद्देश्य के लिए 2019-20 में खर्च को आधार रेखा के रूप में लिया जा सकता है. “
हालांकि कोविड महामारी की रोकथाम से जुड़े खर्च को इस आदेश के दायरे से बाहर रखा गया है.
जिन मदों के तहत एक्सपेंडिचर को कंट्रोल किया जाएगा, उनमें ओवरटाइम भत्ता, रिवार्ड्स (पुरस्कार), घरेलू यात्रा खर्च, विदेश यात्रा खर्च, ऑफिस खर्च, किराया, दरें और कर, रॉयल्टी, प्रकाशन, अन्य प्रशासनिक खर्च, आपूर्ति और सामग्री, राशन की लागत, कपड़े, तम्बू, विज्ञापन और प्रचार, छोटे काम और रखरखाव, सेवा या प्रतिबद्धता शुल्क, सामान्य सहायता अनुदान, योगदान और अन्य शुल्क शामिल हैं.
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