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Mohammed Zubair Arrest:एक कॉमेडी फिल्म का एक सीन जुबैर के लिए कैसे बना ट्रेजिडी?

फिल्म के हनुमान होटल वाले सीन पर पहले भी मीम बने लेकिन तब इसे धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाला नहीं समझा गया था

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भारत
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एक अनाम ट्विटर एकाउंट(Twitter account) की शिकायत, एक फिल्म का सीन और पहले का एक अज्ञात मामला, ये सब Alt News के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर(Mohammad Zubair) की गिरफ्तारी की वजह बने हैं. जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को गिरफ्तार किया है. उन पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के आरोप हैं. दिल्ली पुलिस ने 28 जून को उन्हें दिल्ली के ही पटिलाया हाउस कोर्ट के सामने पेश किया जिसने उन्हें 4 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

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पुलिस ने कहा है-यह गिरफ्तारी 2018 के एक ट्वीट को लेकर की गई है जिसमें "संदिग्ध इमेज थी और उसका मकसद एक विशेष धर्म के भगवान का जानबूझकर अपमान करना था"

खास बात यह है कि जिस इमेज की बात यहां हो रही है, वह बॉलिवुड की एक फिल्म का सीन है और इस फिल्म को टीवी पर बहुत बार दिखाया जा चुका है. इसके अलावा गिरफ्तारी के आठ दिन पहले एक अनाम ट्विटर हैंडिल में जुबैर के चार साल पुराने ट्वीट को रीट्वीट करके, दिल्ली पुलिस से अनुरोध किया गया था कि वह इस बारे में ध्यान दे.

जुबैर का ट्वीट क्या था?

24 मार्च 2018 को मोहम्मद जुबैर ने एक तस्वीर ट्वीट की जिसमें एक होटल के साइनबोर्ड की इमेज थी जिसका नाम ‘हनीमून होटल’ से बदलकर ‘हनुमान होटल’ कर दिया गया है.

उन्होंने लिखा था- "2014 से पहले: हनीमून होटल. 2014 के बाद: हनुमान होटल. #SanskaariHotel".

यह ध्यान देने की बात है कि जिस इमेज पर ऐतराज जताया गया था, वह 1983 की कॉमेडी फिल्म 'किसी से न कहना' के एक सीन से ली गई थी जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था. यह फिल्म टीवी और दूसरे स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म्स पर दिखाई जा चुकी है और जहां तक हमें पता है, सेंसर बोर्ड ने भी उस फिल्म को क्लीयरेंस दिया ही होगा.

फिल्म में दीप्ति नवल, फारुख शेख और उत्पल दत्त जैसे सितारे हैं.

जुबैर वह पहले शख्स नहीं हैं जिन्होंने इस फिल्म के सीन को मीम के तौर पर इस्तेमाल किया है.

2018 में द इंडियन एक्सप्रेस ने एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर क्रॉसओवर नाम से एक आर्टिकल छापा था जोकि फैन्स के बनाए मीम्स पर आधारित था. इस आर्टिकल में इसी सीन की एक फीचर इमेज छापी गई थी.

इसके अलावा भी ट्विटर पर कई यूजर्स इस तस्वीर को पोस्ट करते रहते हैं लेकिन जुबैर से पहले इस तस्वीर को कभी भी “धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने” की वजह नहीं माना गया.

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जिस ट्विटर हैंडिल ने शिकायत की

पुलिस ने अपने बयान में कहा, "जून 2022 में जब दिल्ली पुलिस को एक ट्विटर हैंडल से एलर्ट किया गया कि मोहम्मद जुबैर ने पहले एक आपत्तिजनक ट्वीट किया था और उनके फॉलोअर्स/सोशल मीडिया एंटिटीज़ ने बढ़-चढ़कर बहस/घृणा फैलाने का सिलसिला शुरू किया है, तब इस मामले में उसकी जांच की गई और उसकी भूमिका आपत्तिजनक पाई गई."

जुबैर के खिलाफ ट्विटर हैंडिल @balajikijaiin ने शिकायत की थी.

यह एकाउंट, जिसका (या जिसके) यूजर अनाम है, खुद को 'हनुमान भक्त' कहता है. यह राजस्थान से बाहर का है, जैसा कि उसके बायो में लोकेशन बताई गई है.

इस एकाउंट को अक्टूबर 2021 में बनाया गया था और उसने 19 जून, 2022 को एक ट्वीट किया है जोकि उसका पहला ट्वीट लगता है और इस ट्वीट में उसने यह शिकायत की है कि जुबैर ने हिंदुओं का अपमान किया है.

जुबैर के 2018 के ट्वीट के जवाब में यूजर ने लिखा है, "@DelhiPolice हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़कर हिंदुओं का सीधा अपमान किया गया है क्योंकि हनुमान जी ब्रह्मचारी हैं @DCP_CCC_Delhi कृपया इस शख्स के खिलाफ कार्रवाई करें."

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इस एकाउंट ने जुबैर की गिरफ्तारी के बाद दो नए ट्वीट्स पोस्ट किए हैं.

एक ट्वीट में Alt News के दूसरे को-फाउंडर प्रतीक सिन्हा के खिलाफ शिकायत की गई है. गणेश पर प्रतीक सिन्हा के 2019 के एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए अनाम यूज़र ने लिखा, “आप इसे क्या कहेंगे? यह व्यक्ति खुले तौर पर हिंदुओं की धार्मिक स्वतंत्रता को चोट पहुंचा रहा है. @DelhiPolice @DCP_CCC_Delhi कृपया कार्रवाई करें.”

कई पत्रकारों के स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि जुबैर की गिरफ्तारी के बाद सोमवार रात लगभग 9 बजे तक इस एकाउंट में एक फॉलोअर था और वह किसी भी व्यक्ति को फ़ॉलो नहीं करता. मंगलवार सुबह 11 बजे खबर लिखे जाने तक इस एकाउंट में 1,378 फॉलोअर्स थे और वह 48 अन्य एकाउंट्स को फॉलो करता था.

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जुबैर के खिलाफ मामला

मोहम्मद जुबैर को इस मामले में सोमवार शाम दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल में गिरफ्तार किया जहां उन्हें एक अन्य मामले में जांच के लिए बुलाया गया था. प्रतीक सिन्हा ने एक बयान में कहा है

“जुबैर को 2020 के एक मामले में जांच के लिए दिल्ली के स्पेशल सेल की तरफ से आज बुलाया गया था. इस मामले में उन्हें हाई कोर्ट से गिरफ्तारी के खिलाफ संरक्षण मिला हुआ है. हालांकि आज शाम लगभग 6.45 बजे हमें बताया गया कि उन्हें किसी दूसरी एफआईआर के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है जिसके लिए कोई नहीं नोटिस दिया गया था. यूं जिन धाराओं के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनमें नोटिस देना अनिवार्य है. इसके अलावा हमने बार-बार अनुरोध किया कि हमें उस एफआईआर की कॉपी दी जाए, जोकि हमें नहीं मिली.”

प्रतीक ने कहा है कि गिरफ्तारी के समय “बार बार अनुरोध” करने पर भी उन्हें एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई

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दिल्ली पुलिस के एक बयान में कहा गया है

“आज मोहम्मद जुबैर केस एफआईआर नंबर 194/20 पीएस-स्पेशल सेल में जांच के लिए पहुंचे. एफआईआर नंबर 194/20 की जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने स्टेटस रिपोर्ट दी थी जिसमें मोहम्मद जुबैर का ट्वीट था जोकि आपत्तिजनक नहीं पाया गया था. लेकन उनके ट्वीट के बाद के ट्वीट्स के कारण कई संदिग्ध और अपमानजनक ट्वीट्स हुए.”

बयान में यह भी कहा गया है, "जून 2022 के महीने में जब दिल्ली पुलिस को एक ट्विटर हैंडल से एलर्ट किया गया कि मोहम्मद जुबैर ने पहले एक आपत्तिजनक ट्वीट किया था और उनके फॉलोअर्स/सोशल मीडिया एंटिटीज़ ने बढ़-चढ़कर बहस/घृणा फैलाने का सिलसिला शुरू किया. इसके बाद इस मामले में उसकी जांच की गई यानी एफआईआर संख्या 172/22 यू/एस 153 ए/295 ए आईपीसी और उसकी भूमिका आपत्तिजनक पाई गई."

दूसरे मामले के संबंध में दिल्ली पुलिस के पास कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं की गई थी. पुलिस ने '@balajikijain' के 19 जून के ट्वीट का संज्ञान लेते हुए 20 जून को एफआईआर दर्ज की. इससे पहले भी जुबैर के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है. उन्होंने यती नरसिंहानंद सहित तीन हिंदूवादी नेताओं को "घृणा फैलाने वाला" (हेटमॉन्गर) कहा था जिसके बाद उन पर एफआईआर की गई थी.

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