प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों यूरोप के दौरे पर हैं. स्वीडन की यात्रा के बाद लंदन में पीएम मोदी कई कार्यक्रमों में शामिल हो रहे हैं. मोदी की विदेश यात्रा को लेकर कई बार सवाल भी उठे हैं और पहले के प्रधानमंत्रियों की विदेश यात्राओं से इसकी तुलना होती रही है.
एनडीए के पिछले 4 साल के शासन के दौरान अब तक मोदी 70 से अधिक विदेश यात्राएं कर चुके हैं. पीएम मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं पर डालते हैं एक नजरः
तीन साल में मनमोहन पर भारी मोदी की यात्रा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तीन साल की विदेश यात्राओं पर नजर डालें तो मोदी कहीं आगे नजर आते हैं.
यूपीए-1 के पहले तीन सालों में जून 2004 से मई 2007 के दौरान मनमोहन सिंह ने 27 देशों की यात्राएं की.
जबकि यूपीए-2 के पहले तीन सालों में जून 2009 से मई 2012 के दौरान सिंह ने 36 देशों के दौरे किए. वहीं नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद के शुरुआती तीन सालों में जून 2014 से मई 2017 के दौरान 49 देशों की यात्राएं की.
मोदी के मुकाबले ज्यादा दिन मनमोहन रहे विदेश में
नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह के मुकाबले ज्यादा देशों की यात्राएं की है, लेकिन सिंह की तुलना में उन्होंने विदेशों में कुछ कम समय बिताया है.
सिंह अपने दूसरे कार्यकाल के तीन सालों के दौरान की गई यात्राओं में 111 दिन विदेशों में रहें, वहीं मोदी ने 94 दिन विदेश में बिताए.
मोदी की यात्रा का असर
पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध
मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में सार्क देशों के राष्ट्राध्यक्षों को बुलाकर ये साफ संदेश दे दिया था कि वे पड़ोसी देशों के साथ मजबूत संबंध बनाने की चाहत रखते हैं. अपनी विदेश यात्राओं में भी उन्होंने इस बात के साफ संकेत दिए हैं. नेपाल, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कुछ घंटों के दौरों के पीछे मोदी का मकसद साफ नजर आया.
अमेरिका पर विशेष ध्यान
पीएम मोदी ने अमेरिका के साथ संबंधों पर विशेष जोर दिया है. सत्ता संभालने के महज 4 महीने बाद सितंबर 2014 में मोदी ने अमेरिका की पहली आधिकारिक यात्रा की. उसके बाद से अब तक पांच बार अमेरिका के दौरे पर जा चुके हैं.
भारत पिछले 15 सालों में अमेरिका के बहुत करीब आया है. मेड इन इंडिया प्रोजेक्ट्स में निवेश के लिए पीएम ने रिश्तों को मजबूत बनाने पर ध्यान दिया है.
सऊदी अरब और खाड़ी देशों से व्यापारिक रिश्ते
मोदी ने सऊदी अरब और खाड़ी देशों को भी अपनी यात्राओं में प्रमुखता से रखा है. इन देशों के पास कच्चे तेल का भंडार है और निवेश के लिए काफी पैसे हैं. ऐसे में पीएम मोदी ने भारत के व्यापारिक रिश्तों को नई ऊंचाईयां देने के मकसद से इन देशों की भी यात्राएं की है.
सैन्य हथियार बनाने में मशहूर इजरायल से करीबी संबंध बनाने के मकसद से पीएम मोदी ने 2017 में इजरायल की यात्रा की. और वहां के पीएम को भी भारत की यात्रा पर बुलाया.
चीन और जापान से तकनीक मदद
नवंबर 2016 में पीएम ने जापान दौरा किया और जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे को भी भारत दौरे पर बुलाया. भारत में बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट में जापान की मदद मिल रही है. वहीं कई अन्य समझौते भी दोनों देशों के बीच हुए.
भारत और चीन के बीच के रिश्तों में समय-समय पर तल्खियां नजर आती रही है. बावजूद इसके व्यापारिक रिश्ते को बनाए रखने के मकसद से मोदी ने सिंतबर 2016 और सितंबर 2017 में चीन की यात्राएं की.
(इनपुटः PMO और विदेश मंत्रालय)
ये भी पढ़ें- PM की विदेश यात्रा पर फिर सवाल, CIC ने बिल सार्वजनिक करने को कहा
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)