आर्टिकल 370 हटने के बाद 6 अगस्त को फारूक अब्दुल्ला आखिरी बार मीडिया के सामने आए थे. अब दो महीने बाद वे कैमरे के सामने दोबारा नजर आए हैं.
राज्यपाल की अनुमति के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक 15 सदस्यीय डेलिगेशन ने उनसे और उमर अब्दुल्ला से मुलाकात की. डेलिगेशन ने अब्दुल्ला से विकास के कुछ प्रोजेक्ट और आने वाले स्थानीय चुनावों पर बात की.
डेलिगेशन का नेतृत्व एनसी की जम्मू-कश्मीर ईकाई के अध्यक्ष दविंदर सिंह राणा कर रहे थे. उन्होंने पहले उमर अब्दुल्ला से हरि निवास पर मुलाकात की. इसके बाद फारूक अब्दुल्ला से.
न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक वीडियो ट्वीट किया है. इसमें अब्दुल्ला और उनकी पत्नी डेलीगेशन के दो नेताओं के साथ घर की छत पर हाथ मिलाते हुए दिखाई दे रहे हैं. इसके बाद बड़ी संख्या में डेलीगेशन के सदस्य फारुक के पास पहुंचे. बता दें पीएसए के तहत फारूक अब्दुल्ला को दो महीने से घर के भीतर ही हिरासत में रखा गया है.
जब नेता ही अंदर हैं तो कैसे चुनाव लड़ें!
राणा ने मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा की. आने वाले स्थानीय चुनावों में हिस्सा लेने के सवाल पर रामा ने कहा, ‘देखिए इस वक्त पूरी तरह लॉकडाउन है. अगर किसी भी तरह की राजनीतिक प्रक्रिया शुरू करनी है तो इन नेताओं को छोड़ना होगा.’
380 पंचायतों के लिए मैंडेट पर पार्टी प्रेसिडेंट को साइन करना होता है. दुर्भाग्य से उन्हें पीएसए में अंदर कर रखा है. जब हमारे प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट को छोड़ दिया जाएगा, तब हमारी वर्किंग कमेटी भविष्य के प्लान पर हस्ताक्षर करेगी.दविंदर सिंह राणा
फारुक अब्दुल्ला के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी हिरासत में रखा गया है. केवल उनके परिवार को ही उनसे मिलने की परमीशन मिलती है. पिछले दिनों उनकी बेटी इल्तिजा ने भारत सरकार के गृह सचिव को एक खत लिखकर कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या के बारे में जानकारी मांगी थी. उन्होंने यह खत अपनी मां महबूबा मुफ्ती की तरफ से लिखा था. इस लेटर को ट्विटर पर भी शेयर किया गया था.
इल्तिजा ने इसमें प्रशासन से यह मांगे रखी थीं
- 5.08.2019 के बाद हिरासत में लिए गए, गिरफ्तार या नजरबंद किए गए जम्मू कश्मीर के नागरिकों की संख्या का आंकड़ा. जिला और पुलिस स्टेशन द्वारा जुटाई गई जानकारी को देने की कृपा करें.
- मांग एक की तरह, सूचियां बनाकर ऐसे लोगों की संख्या दें, जो नाबालिग हैं, जिनकी उम्र 12 से 15 साल के बीच है और ऐसे बच्चे जो 12 साल से छोटे हैं, जिन्हें 05.08.2019 के बाद गिरफ्तार, हिरासत या नजरबंद किया गया है.
- कृप्या मांग एक और दो की तरह सूचीबद्ध तरीके से उन लोगों की संख्या बताएं जिन्हें हिरासत में लिया गया और राज्य के बाहर जेलों में भेजा गया है.
- उन लोगों की संख्या बताएं जिनकी मौत 05.08.2019 के बाद हिरासत में लिए जाने, गिरफ्तार होने या नजरबंद किए जाने के दौरान हुई.
- जम्मू एंड कश्मीर पब्लिक सेफ्टी एक्ट में हिरासत में लिए गए लोग, जिनकी सूची जिला और पुलिस प्रशासन ने बनाई होगी. इसमें नाबालिग, बच्चे और महिलाओं की संख्या भी शामिल हो.
- ऐसे लोगों की संख्या जिन्हें हिरासत में लिए जाने के बाद अपने करीबियों से अबतक नहीं मिलने दिया गया.
- ऐसे लोगों की संख्या जिनके लिए कोर्ट में हीबियस कॉर्पस रिट लगाई गई है. साथ ही उन लोगों की संख्या जो इसके बाद छोड़े गए हैं.
5 अगस्त को जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया था. तब से ही घाटी में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है. घाटी के ज्यादातर इलाकों में कर्फ्यू लागू है. पत्रकारों को भी आसानी से घाटी में आने-जाने नहीं दिया जा रहा है.
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