नेशनल हेराल्ड (National Herald) अखबार से जुड़े मनी लॉनड्रिंग केस (Money Laundering) में आज 21 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से पूछताछ करेगी. इसी बीच कांग्रेस कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर आए हैं. सोनिया गांधी से पूछताछ के खिलाफ कांग्रेस ने एक बार फिर दिल्ली समेत देशभर में प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है.
गुरुवार सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली के अकबर रोड स्थित पार्टी मुख्यालय पहुंचने लगे हैं. वहीं दूसरी तरफ पुलिस ने सोनिया गांधी के घर और पार्टी दफ्तर के बाहर बैरिकेड्स लगा दिए हैं.
बता दें कि जब राहुल गांधी को ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया था तब दिल्ली से लेकर देशभर में कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
ईडी से पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने कहा,
वो उस परंपरा से आती हैं, जिसने आजादी का तिरंगा लहराया, जिसने नेक इरादों से बुलंद भारत बनाया, जिनके पूर्वजों ने बदला भूगोल दुनिया का और देश को मार्ग अंतरिक्ष का दिखलाया, उन सोनिया गांधी को ED से क्या खाक डरा पाओगे. हर कदम चट्टान हैं हम, हमसे नहीं टकरा पाओगे.
पहली बार ईडी के सामने पेश होंगी सोनिया
यह पहला मौका है जब सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ED) पूछताछ करेगी. इससे पहले ईडी ने इसी मामले पर राहुल गांधी से करीब 50 घंटे पूछताछ की थी. राहुल गांधी कई दिनों तक ईडी के सामने पेश हुए थे. राहुल गांधी से कथित तौर पर कोलकाता स्थित डोटेक्स मर्चेंडाइज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किए गए कुछ लेनदेन के बारे में पूछताछ की गई थी.
सोनिया गांधी से 23 जून को पूछताछ होनी थी लेकिन उनकी बीमारी की वजह से पूछताछ टालने का अनुरोध ईडी ने स्वीकार कर लिया था.
क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
साल 1938 जवाहर लाल नेहरु ने नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत की थी. आजादी के बाद यह अखबार कांग्रेस का माउथपीस बना रहा. साल 2008 में अखबार छपना बंद हो गया. इस अखबार का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल्स (Associated Journals Limited) के पास था. इसी के तहत नेशनल हेराल्ड अखबार निकाला जाता था. AJL पर 90 करोड़ से ज्यादा का कर्ज था और इसी को खत्म करने के लिए एक और कंपनी बनाई गई, जिसका नाम था यंग इंडिया लिमिटेड. इसमें राहुल और सोनिया की हिस्सेदारी 38-38% थी, जबकि कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस के पास 24 फीसदी हिस्सेदारी थी.
एसोसिएटेड जर्नल्स ने 2010 में अपने 10-10 रुपए के 9 करोड़ शेयर यंग इंडियन को ट्रांसफर कर दिए. कहा गया कि इसके एवज में यंग इंडिया AJL की देनदारियां चुकाएगी, लेकिन शेयर की हिस्सेदारी ज्यादा होने की वजह से यंग इंडिया को मालिकाना हक मिला. AJL की देनदारियां चुकाने के लिए कांग्रेस ने जो 90 करोड़ का लोन दिया था, वह भी बाद में माफ कर दिया गया.
इसके बाद साल 2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस ने पार्टी फंड से राहुल और सोनिया को 90 करोड़ रुपए दिए थे. इसका मकदस एसोसिएट जर्नल्स की 2 हजार करोड़ की संपत्ति हासिल करना था. इसके लिए गांधी परिवार ने महज 50 लाख रुपए की मामूली रकम दी थी. 26 जून 2014 को मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने सोनिया-राहुल समेत सभी आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया था.
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