देश की राजधानी दिल्ली (Delhi) में साल 2021 में हर 24 घंटे में दो नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार की शर्मनाक घटना हुई है. मतलब दिल्ली देश भर में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित मेट्री सिटी है. ये बात राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट में सामने आई है.
दिल्ली में साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के 13,892 मामले दर्ज किए गए, जो कि 2020 की तुलना में 40 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी है. साल 2020 में दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराध का आंकड़ा 9,782 था.
वहीं पूरे देश की बात करें तो साल 2021 में भारत में औसतन हर 74 सेकेंड में महिलाओं के खिलाफ अपराध का मामला दर्ज किया गया है. साल 2021 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4,28,278 मामले दर्ज किए गए, जो 2020 (3,71,503 मामले) की तुलना में 15.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्शाता है.
वहीं अगर पुराने आंकड़े देखें तो NCRB का डेटा बताता है कि 2019 के मुकाबले, 2020 में महिलाओं के खिलाफ अपराध में कमी आई थी.
दिल्ली टॉप पर
बीस लाख से अधिक आबादी वाले दूसरे महानगरीय शहरों की तुलना में साल 2021 में दिल्ली में अपहरण (3948), पतियों की क्रूरता (4674) और बच्चियों से दुष्कर्म (833) से संबंधित श्रेणियों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक मामले दर्ज किए गए.
वहीं दिल्ली के बाद मुंबई (Mumbai) है, जहां ऐसे 5,543 मामले और बेंगलुरु में 3,127 मामले आए थे.
दिल्ली में 36 फीसदी दहेज से जुड़ी हत्याएं
आंकड़ों से पता चलता है कि दिल्ली में 2021 में दहेज हत्या के 136 मामले दर्ज किए गए हैं, जो 19 महानगरों में होने वाली कुल मौतों का 36.26 प्रतिशत है. साथ ही दिल्ली में महिलाओं के अपहरण के 3,948 मामले दर्ज किए गए. वहीं अगर सभी महानगरों की बात करें तो दहेज को लेकर हत्या के कुल 8,664 मामले सामने आए हैं.
असम में महिलाओं के खिलाफ अपराध की उच्चतम दर
रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन सालों में मामूली गिरावट के बावजूद, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध की उच्चतम दर असम (168.3 प्रतिशत) में दर्ज की गई थी. राज्य में पिछले साल ऐसे 29,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे.
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