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Neemuch: मृतक का भाई-'मेरा भाई मुस्लिम होता तो भी किसी को पीटकर मार डालना गलत'

Neemuch में मुस्लिम होने के संदेह में एक बुर्जुग की हत्या के बाद मृतक के भाई ने कई सवाल किए हैं.

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भारत
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भले ही मेरा भाई मुस्लिम होता लेकिन किसी को पीट-पीट कर मार डालना गलत है. उन्हें यह अधिकार किसने दिया. ऐसा कहना है मध्य प्रदेश के नीमच(Neemuch) में मुस्लिम होने के संदेह में कथित रूप से पीट -पीट कर हत्या की गई मानसिक रूप से बीमार एक बुजुर्ग भंवरलाल जैन के छोटे भाई राजेश जैन का.

राजेश जैन ने आगे बताया कि पांच भाई-बहनों में वह सबसे बड़ा और सबसे मासूम था. वह शादी करने के लिए पर्याप्त रूप से स्थिर नहीं था, लेकिन वह अपनी दिनचर्या के बारे में जानता था. वह खेती में भी हमारी मदद कर सकता था. वह एक कोरे कागज की तरह था, जिसमें कोई क्रोध और नकारात्मकता की भावना नहीं थी.

Neemuch में मुस्लिम होने के संदेह में एक बुर्जुग की हत्या के बाद मृतक के भाई ने कई सवाल किए हैं.

भंवरलाल को दायें से तीसरे पर देखा जा सकता है

(Photo: Accessed by The Quint)

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मध्य प्रदेश के रतलाम जिले में जावरा तहसील के सिरसी गांव में 65 साल साल के भंवरलाल अपने भाई राजेश, उनकी 90 साल की मां पिस्ताबाई और राजेश के परिवार के साथ रहते थे. ग्राम सरपंच, पिस्ताबाई, रतलाम जिले के सभी सरपंचों में सबसे पुरानी है.

Neemuch में मुस्लिम होने के संदेह में एक बुर्जुग की हत्या के बाद मृतक के भाई ने कई सवाल किए हैं.

भंवरलाल जैन (बीच में) की एक पुरानी तस्वीर

(Photo: Accessed by The Quint)

भंवरलाल जैन के साथ क्या हुआ था ?

15 मई को भंवरलाल अपने भाइयों राजेश और अशोक जैन सहित परिवार के कुछ सदस्यों और उनकी 90 साल की मां के साथ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में एक भैरो बाबा मंदिर के दर्शन के लिए रतलाम से रवाना हुए. 16 मई को सबसे बड़ा भाई जो मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है, नीमच के सरसी गांव में भटक गया, जिसका उच्चारण स्थानीय बोली में उसी तरह किया जाता है जैसे रतलाम में उसका मूल गांव सिरसी का किया जाता है.

19 मई को नीमच में स्थानीय पुलिस को एक अज्ञात शव की सूचना मिली, जिसे बरामद कर फ्रीजर में रख दिया गया. शव की शिनाख्त के लिए फोटो शेयर की गई. राजेश और उनके परिवार ने पुष्टि की कि मृतक भंवरलाल जैन था.

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अगली सुबह 20 मई को पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव को अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया. उस दिन बाद में, भंवरलाल के छोटे भाई राजेश को व्हाट्सएप पर एक वीडियो मिला, जिसमें दिखाया गया था कि उनके भाई को आधी रात में एक व्यक्ति (बाद में आरोपी दिनेश कुशवाह के रूप में पहचाना गया) द्वारा पीटा गया था, पीटने से पहले आरोपी ने भंवरलाल जैन से खुद की पहचान करने के लिए कहा और उससे पूछा कि क्या वह एक मुसलमान है?

राजेश और परिवार के कुछ अन्य सदस्य नीमच जिले के मनासा थाने पहुंचे जहां हत्या की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया. एक दिन बाद 21 मई को नीमच पुलिस ने दिनेश कुशवाह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

द क्विंट से बात करते हुए, भारतीय जनता पार्टी के नीमच जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार ने पुष्टि की थी कि दिनेश कुशवाह एक पार्टी कार्यकर्ता थे, और उनकी पत्नी एक स्थानीय बीजेपी नेता थीं.

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मप्र के गृह मंत्री ने कहा, 'परिवार के संपर्क में', परिवार ने इनकार किया

भंवरलाल जैन का परिवार दशकों से बीजेपी का वफादार रहा है.द क्विंट से बात करते हुए भंवरलाल के चचेरे भाई अजीत छतर जैन ने कहा कि वह, उनकी पत्नी और भंवरलाल की मां पिस्ताबाई सभी बीजेपी के समर्थक हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि उनके चचेरे भाई की मृत्यु के बाद से किसी भी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है.

अजीत ने कहा, मैं जावरा नगर परिषद का पार्षद था और उस पद पर मेरी पत्नी भी थीं. हम आज तक बीजेपी के वफादार हैं, लेकिन मेरे भाई की मृत्यु के बाद किसी भी बीजेपी नेता ने हमें न तो फोन किया और न ही हमसे मुलाकात की.

अजीत ने आगे बताया कि मेरे चाचा भंवरलाल के पिता शांतिलाल और उनके मित्र बंकरलाल नैमा ने सरसी गांव में जनसंघ की स्थापना. तभी से परिवार बीजेपी से जुड़ा हुआ है.

अजीत ने यह भी कहा कि हालांकि उन्होंने मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बारे में खबरें पढ़ी हैं कि वे हमारे परिवार के संपर्क में हैं, किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है.

यह निराशाजनक था जब मैंने टीवी पर हमारे आदरणीय नरोत्तम मिश्रा जी को यह कहते हुए सुना कि वे परिवार के संपर्क में हैं. किसी ने हमसे संपर्क नहीं किया है. अब तक हमें फोन नहीं किया है."
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राजेश ने आगे दावा किया कि आरोपी को राजनीतिक संरक्षण मिल रहा था. राजेश कहते हैं, ''बुलडोजर उनके घर भेजा गया था. वह वहां एक घंटे तक खड़ा रहा, लेकिन फिर उसे वापस बुला लिया गया. उसका घर क्यों नहीं गिराया गया? यह आरोपी को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण की ओर इशारा करता है.''

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