नीट UG 2024 (NEET UG 2024) के छात्रों को ग्रेस मार्क्स देने के विवाद के बाद अब इसको लेकर बड़ा फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान NTA ने कोर्ट को बताया कि नीट-यूजी 2024 में ग्रेस मार्क्स पानेवाले 1,563 छात्रों का स्कोर कार्ड रद्द करने का फैसला लिया गया है. इन छात्रों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया जाएगा.
NTA ने सुप्रीम कोर्ट में बताया कि ग्रेस मार्क्स पानेवाले छात्रों की परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी और रिजल्ट 30 जून से पहले घोषित किए जाएंगे. वहीं, यदि जो छात्र दोबारा परीक्षा नहीं देना चाहते हैं, तो 5 मई को आयोजित परीक्षा के आधार पर उनके अंकों को ध्यान में रखा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि वह NEET-UG, 2024 की काउंसलिंग पर रोक नहीं लगाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा..“काउंसलिंग जारी रहेगी और हम इसे नहीं रोकेंगे. अगर परीक्षा होती है तो सब कुछ समग्रता से होता है, इसलिए डरने की कोई बात नहीं है,''
वहीं, कोर्ट ने NTA के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश कौशिक की दलील को भी दर्ज किया कि रीएग्जाम आज ही अधिसूचित की जाएगी और संभवतः परीक्षा 23 जून को आयोजित की जाएगी. पुन: परीक्षा के रिजल्ट 30 जून से पहले प्रकाशित किए जाएंगे ताकि 6 जुलाई को होने वाली काउंसलिंग पर कोई असर न पड़े.
कोर्ट ने क्या कहा?
बार एंड बेंच के रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस विक्रम नाथ और संदीप मेहता की खंडपीठ को बताया गया कि 12 जून को हुई समिति की बैठक के बाद इस तरह का सुझाव दिया गया था. सुझाव को आज कोर्ट के आदेश में दर्ज किया गया है.
जिसपर न्यायालय ने कहा...
"सिफारिशों के अनुसार यह सुझाव दिया गया है कि प्रभावित 1,563 उम्मीदवारों के स्कोरकार्ड रद्द कर दिए जाएंगे और उन्हें वापस ले लिया जाएगा और बिना ग्रेस मार्क्स के वास्तविक अंक बताए जाएंगे और उनके लिए दोबारा परीक्षा आयोजित की जाएगी. जो उम्मीदवार दोबारा परीक्षा नहीं देंगे, उनका परिणाम बिना ग्रेस मार्क्स के वास्तविक परीक्षा अंक के आधार पर होगा."
इसके अलावा, न्यायालय ने एनटीए को उन आरोपों पर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है, जिनमें कहा गया है कि नीट में कुछ लोगों द्वारा अनुचित तरीके अपनाए गए थे. यह जवाब 8 जुलाई तक दाखिल किया जाना है, जब मामले की अगली सुनवाई होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने तीन याचिकाओं पर सुनवाई की
बता दें कि NEET-UG मामले पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तीन याचिकाओं पर हो रही थी.
इनमें से एक याचिका फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे ने दायर की थी , जिन्होंने दावा किया था कि एनटीए का ग्रेस मार्क्स देने का फैसला "मनमाना" था. कथित तौर पर, पांडे ने लगभग 20,000 छात्रों से प्रतिनिधित्व इकट्ठा किया था, जिसमें दिखाया गया कि कम से कम 1,500 छात्रों को लगभग 70-80 अंक ग्रेस मार्क्स के रूप में बेतरतीब ढंग से दिए गए थे.
अधिवक्ता जे साई दीपक ने याचिकाकर्ता का के तरफ से पेश हुए थे. न्यायालय ने इस याचिका में ग्रेस मार्क्स के मुद्दे को बंद कर दिया, लेकिन अन्य शिकायतों पर विचार करने के लिए इसे लंबित रखा.
दूसरी याचिका SIO के सदस्य अब्दुल्ला मोहम्मद फैज और डॉ. शेख रोशन मोहिद्दीन ने दायर की. इसमें कथित पेपर लीक और अन्य गड़बड़ियों के चलते नीट-यूजी 2024 के नतीजों को वापस लेने और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करने की मांग की गई थी. इस याचिका पर आज नोटिस जारी किया गया है. एडवोकेट के तौर पर श्वेतांक सैलकवाल और एडवोकेट मयंक सूर्यन पेश हुए.
तीसरी याचिका NEET उम्मीदवार जरीपिती कार्तिक ने दायर की थी, जिसमें परीक्षा के दौरान कथित रूप से समय की हानि के लिए मुआवजे के रूप में ग्रेस मार्क्स दिए जाने को चुनौती दी गई थी. उन्होंने तर्क दिया कि ग्रेस मार्क्स देने के लिए “सामान्यीकरण सूत्र” अधिकतम समय की हानि के अनुपात में केवल उन प्रश्नों की संख्या तक ही विस्तारित हो सकता है, जिसके जवाब नहीं दिए गए हो.
SC के फैसले पर याचिकाकर्ता ने क्या कहा?
कोर्ट के फैसले पर SIO के सदस्य के एडवोकेट श्वेतांक ने कहा,
"हमने NEET परीक्षा के संबंध में जनहित याचिका दायर की थी. हमने लाखों छात्रों की ओर से कई मुद्दे उठाए थे. मुख्य मुद्दा यह पेपरलीक और अन्य गड़बड़ियां थीं, जिनका पालन NTA द्वारा किया गया. आज उन्होंने अपनी गलती स्वीकार कर ली है."
वहीं कोर्ट से बाहर आने पर याचिकाकर्ता अलख पांडे ने कहा कि "आज NTA ने खुद माना है कि जो ग्रेस मार्क्स दिया गया था, उससे बच्चों में असंतोष है. NTA ने सुप्रीम कोर्ट के सामने माना कि उनके द्वारा दिए गए ग्रेस मार्क्स गलत थे. सवाल यह है कि क्या NTA में कोई और विसंगति है, जिसके बारे में हमें जानकारी नहीं है... पेपर लीक का मुद्दा खुला है और उस पर सुनवाई जारी रहेगी..."
क्या बोले शिक्षा मंत्री?
NEET-UG 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर हाल में नियुक्त हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा,
"कोई भ्रष्टाचार नहीं है. NEET परीक्षा में 24 लाख छात्र परीक्षा में शामिल होते हैं. आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इस पर मामला करीब 1500 छात्रों से जुड़ा है. सरकार कोर्ट को जवाब देने के लिए तैयार है. इस खास मुद्दे पर विचार किया जा रहा है और सरकार इसे कोर्ट के सामने पेश करेगी, देश में प्रमुख परीक्षाएं यानी NEET, JEE और CUET NTA सफलतापूर्वक आयोजित करता है. हम जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे...''
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