राष्ट्रीय खेल महासंघों द्वारा यौन उत्पीड़न रोकथाम (PoSH) कानून के तहत प्रावधानों का पालन न करने को लेकर इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने गुरुवार, 12 मई को खेल मंत्रालय के अलावा खेल निकायों को भी नोटिस जारी किया है. NHRC ने भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को भी नोटिस भेजा है.
NHRC ने 4 हफ्ते में मांगा है जवाब
विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए महासंघों को चार सप्ताह का समय देते हुए, NHRC ने कहा कि PoSH कानून का पालन न करना 'चिंता का विषय' था जो खिलाड़ियों के कानूनी अधिकार और सम्मान को प्रभावित कर सकता है.
पिछले महीने, सरकार की तरफ से गठित एमसी मैरी कॉम की अगुवाई वाली समिति ने भारतीय कुश्ती महासंघ के प्रमुख और बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के कुछ शीर्ष पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की, जिसमें समिति ने एक आंतरिक शिकायत समिति (ICC) के न होने की ओर इशारा किया था. PoSH अधिनियम 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति का होना अनिवार्य है.
30 में से 16 खेल महासंघ में आंतरिक शिकायत समिति नियमों के तहत नहीं
4 मई को, द इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट पब्लिश की जिसमें इस बात का खुलासा था कि कुश्ती निकाय इस कानून का उल्लंघन करने वाला अकेला निकाय नहीं था.
रिपोर्ट में कहा गया कि 30 में से 16 खेल महासंघ, जिनके खिलाड़ियों ने 2018 एशियाई खेलों, 2021 में टोक्यो ओलंपिक और पिछले साल के राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया, उनमें पूरी तरह से ICC का अनुपालन नहीं हो रहा.
गुरुवार को अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित एक बयान में, NHRC ने कहा, "आयोग ने देखा है कि मीडिया रिपोर्ट यदि सही है और इस कानून का उल्लंघन हो रहा है तो ये चिंता का विषय है क्योंकि ये खिलाड़ियों की गरिमा और कानूनी अधिकार पर प्रभाव डाल सकता है.
क्या होती है ICC?
कानून के अनुसार, ICC में कम से कम चार सदस्य और उनमें से कम से कम आधी महिलाएं होनीं चाहिए. इसमें एक बाहरी सदस्य भी होता है जो या तो यौन उत्पीड़न से संबंधित मुद्दों पर काम करता हो या किसी गैर सरकारी संगठन या महिला सशक्तिकरण के लिए काम करने वाले किसी संघ का सदस्य हो.
सभी 30 महासंघों की आधिकारिक घोषणाओं की समीक्षा करने के बाद, द इंडियन एक्सप्रेस ने पाया कि कुश्ती सहित पांच महासंघों के पास ICC भी नहीं है. चार महासंघों के पास सदस्यों की निर्धारित संख्या नहीं है और छह महासंघों के पास अनिवार्य बाहरी सदस्य नहीं है. इसमें एक संघ के पास दो पैनल थे लेकिन कोई भी स्वतंत्र सदस्य नहीं था.
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