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निर्भया मामला: दोषी ने नई कानूनी सहायता लेने से किया मना  

निर्भया गैंगरेप केस में तीसरी बार चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया गया है

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निर्भया गैंग रेप और हत्या मामले में मौत की सजा पा चुके आरोपियों में से एक पवन गुप्ता ने तिहाड़ जेल में नई कानूनी सहायता लेने से मना कर दिया है. पिछले हफ्ते दोषी के वकील ए.पी सिंह ने मामले से खुद को अलग कर लिया था, जिसके बाद रवि काजी को पवन का नया वकील नियुक्त किया गया था.

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पवन ने अभी तक क्यूरेटिव या दया याचिका दायर नहीं की है. तीन अन्य आरोपियों के साथ उसे भी 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जाएगी. 

पवन के वकील ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हालांकि बीते कुछ दिनों से पवन के साथ उनकी बातचीत नहीं हो पाई है, ऐसे में उनकी तरफ से कोई भी कानूनी उपाय नहीं किया गया है.

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस से सभी 4 दोषियों को तिहाड़ जेल प्रशासन ने लिखित तौर पर सूचना दी है कि आखिरी मुलाकात जब करनी हो, वे अपने परिवार और जेल प्रशासन को बता दें. नए आदेश में कहा गया है कि मुकेश और पवन अपने परिवार से मिल चुके हैं. जब अक्षय और विनय से परिवार से अंतिम मुलाकात के लिए पूछा गया है.

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निर्भया गैंगरेप केस में तीसरी बार चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी कर दिया गया है. अब नए डेथ वारंट के मुताबिक चारों दोषियों को 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी दी जाएगी. चार में तीन दोषी मुकेश, विनय और अक्षय की राष्ट्रपति ने दया याचिका खारिज कर दी है. ऐसे में इन तीनों की फांसी का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है. जबकि चौथे दोषी पवन गुप्ता ने अभी तक न तो सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेविट पिटीशन लगाई है और न राष्ट्रपति से दया की गुहार की है.

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