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निर्भया के दोषियों ने आखिरी वक्त भी की पैंतरेबाजी,पूरी रात का हाल

अदालत की ओर से फांसी पर मुहर लगाने के बाद निर्भया की मां बोली वह सिर्फ मेरी नहीं पूरे देश की बेटी थी

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भारत
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निर्भया गैंगरेप केस के सभी दोषियों को 20 तारीख की सुबह 5.30 बजे फांसी पर लटका दिया गया. सात साल की लंबी कानूनी जंग के बाद सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और निचली अदालत की ओर से दोषियों की सभी याचिकाओं को रद्द कर दिया गया. मामले में न्याय का रास्ता साफ हो गया. इसके बाद मुकेश, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय कुमार सिंह को 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई है.

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इससे पहले गुरुवार को दोषियों को बचाने की आखिरी कोशिश शुरू हुई जो अदालत में करीब साढ़े तीन बजे तक चली. गुरुवार को रात भर अदालत में जो हुआ उस पर एक नजर

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रात भर अदालत में चला ड्रामा

  • रात 9:45- बजे निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने दोषियों की दया याचिका राष्ट्रपति की ओर से खारिज करने को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाई कोर्ट पहुंचे. निर्भया के माता-पिता ने भी हाई कोर्ट का रुख किया. इसी वक्त निर्भया के परैंट्स भी हाई कोर्ट की तरफ बढ़े. दोषियों के वकील एपी सिंह ने ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर कर राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज करने को चुनौती दी थी.
  • 10:15 बजे : दिल्ली हाई कोर्ट में जस्टिस मनमोहन और जस्टिस संजय नरुला की डिविजन बेंच में एपी सिंह की याचिका पर सुनवाई शुरू की. हाई कोर्ट ने एपी सिंह से पूछा कि आपने कोई शपथपत्र दाखिल नहीं किया है, कोई मेमो या एनेक्सर नहीं है, फिर सुनवाई कैसे होगी. क्या आपके पास याचिका दाखिल करने की परमिशन है? एपी सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से कोई फोटोकॉपी मशीन काम नहीं कर रही हैं.कोर्ट ने कहा- आप तीन अदालतों में जा चुके हैं. रात दस बजे हम आपकी बात सुन रहे हैं. आप मशीन न चलने की बात नहीं कह सकते. एपी सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के पास भी याचिकाएं लंबित हैं. इनके लंबित रहते फांसी कैसे दी जा सकती. हाई कोर्ट ने कहा इन याचिकाओं का कोई आधार नहीं है.
  • करीब 10:47 बजे- दिल्ली हाई कोर्ट ने निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह से कहा कि समय बीत रहा है, ज्यादा समय नहीं. अगर आप आखिरी समय में महत्वपूर्ण बातें नहीं कहेंगे तो हम आपकी मदद नहीं कर पाएंगे. आपके पास केवल 4-5 घंटे हैं. आपके पास कुछ दलील है तो वो दें. इस पर एपी सिंह ने कहा कि उनके मुवक्किल गरीब हैं.
  • 11:05 बजे- इस पर हाई कोर्ट ने बेहद नाराजगी जताई और कहा कि सिस्टम के साथ खेल खेला जा रहा है. दया याचिका दाखिल करने में ढाई साल लगा दिए गए. यह साजिश लग रही है.
  • करीब 11:30 बजे-इसके बाद निर्भया के दोषियों के एक अन्य वकील शम्स ख्वाजा ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपनी दलीलें शुरू कीं. उन्होंने कहा, 'राष्ट्रपति ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा पाए लोगों को पर दया नहीं की जानी चाहिए. वह पहली बार भी दया याचिका के वक्त भी हमारे लिए पूर्वाग्रह से ग्रसित थे.'
  • करीब 12:05 बजे- दिल्ली हाई कोर्ट इन दलीलों से सहमत नहीं हुआ और उसने चारों दोषियों की याचिका खारिज कर दी.
  • करीब 12:20 बजे- वकील एपी सिंह कोर्ट से बाहर निकले और मीडिया से कहा कि निर्भया केस में फैसले तो हो रहे हैं, लेकिन न्याय नहीं मिल रहा है. उन्होंने मीडिया को भी बुरा-भला कहा. कोर्ट के आदेश की कॉपी मिलते ही वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. कोरोनावायरस की वजह से इंटरनेशनल कोर्ट में सुनवाई नहीं हो रही है और यहां फांसी दी जा रही है.
  • 1:35 बजे - एपी सिंह किदवई नगर स्थित सुप्रीम कोर्ट के रजिस्ट्रार के घर पहुंच गए.सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए रात 2.30 बजे का वक्त तय किया. निर्भया के माता-पिता और परिवार वाले सुप्रीम कोर्ट पहुंचे
  • 2:50 बजे - पवन गुप्ता की तरफ से सुप्रीम कोर्ट मे पेश हुए एपी सिंह ने नाबालिग कार्ड खेला.कहा कि घटना के वक्त पवन नाबालिग था. उन्होंने स्कूल का सर्टिफिकेट, स्कूल रजिस्टर और अटेंडेंस रजिस्टर दिखाया. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस भूषण ने कहा कि एपी सिंह ने पहले भी इन दस्तावेजों को कोर्ट को दिखाया था. उन्होंने पूछा एपी सिंह किस आधार पर दया याचिका खारिज होने को चुनौती दे रहे हैं?एपी सिंह ने कहा, 'मुझे पता है कि इन्हें फांसी पर लटका दिया जाएगा, लेकिन क्या दो-तीन दिन के लिए फांसी टाली जा सकती है ताकि पवन गुप्ता का बयान दर्ज हो सके.
  • करीब 3:10 बजे - सुप्रीम कोर्ट ने दोषी पवन गुप्ता के घटना के वक्त नाबालिग होने के दावे की याचिका खारिज कर दी. फिर थोड़ी देर बाद राष्ट्रपति की ओर से पवन की दया याचिका खारिज किए जाने को चुनौती देने वाली याचिका भी खारिज हो गई. और दोषियों की फांसी का रास्ता साफ हो गया.
  • करीब 3:35 बजे- निर्भया की मां आशा देवी ने कहा, 'मैं सबको धन्यवाद देती हूं. देश की बच्चियों की लड़ाई अंजाम तक पहुंची है. अदालतों में देर करने की चालाकियां की गईं लेकिन अदालतों ने हर स्तर पर याचिकाएं खारिज कर दी.मैं महामहिम राष्ट्रपति का भी शुक्रिया करती हूं. वो मेरी बेटी नहीं थी बल्कि पूरे देश की बेटी थी. उन्होंने कहा कि हर साल 20 मार्च को निर्भया दिवस मनाया जाएगा.
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