2012 में हुए निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड मामले में एक और दोषी की क्यूरेटिव पिटीशन पर फैसला आ चुका है. कोर्ट ने गुरुवार को चार दोषियों में से एक अक्षय की याचिका खारिज कर दी है. हालांकि उसके पास राष्ट्रपति के सामने दया याचिका दायर करने का विकल्प है.
बता दें कि इससे पहले दो दोषी मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन (सुधारात्मक याचिका) सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है.
अबतक सिर्फ एक दोषी की फांसी कंफर्म
अब तक सिर्फ मुकेश ही ऐसा दोषी है जो सभी कानूनी विकल्प आजमा चुका है. उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी और राष्ट्रपति के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उसकी अपील खारिज कर दी.
विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास
विनय नाम के दोषी की पैरवी कर रहे वकील ए पी सिंह ने कहा कि उन्होंने उसकी ओर से राष्ट्रपति भवन में दया याचिका दायर की है. सिंह ने कहा, ‘‘मैंने राष्ट्रपति के समक्ष विनय की दया याचिका दायर की है. मैंने यह स्वयं जाकर सौंपी है.’’ विनय ने राष्ट्रपति को भेजी अपनी दया याचिका में कहा है,
‘‘श्रीमान, मेरी गिरफ्तारी के दिन से जिस तरह से मुझसे बर्ताव हुआ है, उसके चलते मैं कई बार पहले ही मर चुका हूं. इसलिए, मैं इस बारे में बताने के लिए अपने अंतिम अवसर का इस्तेमाल करना चाहता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह पढ़ने के बाद कि मेरा जीवन क्या रहा है, आप मुझपर दया करेंगे.’’
16 दिसंबर, 2012 को क्या हुआ था?
16 दिसंबर, 2012 को हुई इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. 6 आरोपियों ने 23 वर्षीय महिला के साथ चलती बस में मिलकर दुष्कर्म किया था और उसकी बुरी तरह पिटाई की थी. बाद में छात्रा की मौत हो गई थी. सभी 6 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. आरोपियों में से एक नाबालिग था, इसलिए उसे जुवेलाइन कोर्ट के सामने पेश किया गया था. वहीं एक आरोपी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी.
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