हाल ही में हरिद्वार (Haridwar) में धर्म संसद और दिल्ली में मुसलमानों के खिलाफ असंवैधानिक बातें कही गईं थीं,अब इस पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने कहा कि दिल्ली और हरिद्वार में जो धार्मिक सम्मेलन हुए हैं, उन्हें नकारा जाना चाहिए और उन्हें कोई महत्व नहीं देना चाहिए, हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि ऐसे मामलों में कानून को अपना काम करने देना चाहिए.
'कुछ व्यक्तियों का कार्य समाज का प्रतिबिंब नहीं'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नारे ‘सबका साथ-सबका विकास’ को दोहराते हुए गडकरी ने कहा कि हमें सहिष्णु रहना चाहिए, किसी की भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए.
मुस्लिम महिलाओं की 'नीलामी' करने वाले बुल्ली बाई ऐप पर उन्होंने कहा कि कुछ व्यक्तियों के कार्यों को समाज के प्रतिबिंब के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए, कानून अपना काम करेगा.
यह सवाल पूछे जाने पर कि ऐसे मामलों में सत्तारूढ़ सरकार द्वारा कम कार्रवाई नफरत के माहौल को पनपने दे रही है, नितिन गडकरी ने कहा कि यह 100 प्रतिशत गलत है, हमने कभी भी इस तरह के भेदभाव का समर्थन नहीं किया है.
बता दें कि हरिद्वार में हुए धर्म संसद में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई असंवैधानिक बातों का वीडीयो सोशल मीडिया पर खूब वायरस हुआ था, जिसके बाद देश भर के एक्टिविस्टों ने खुले तौर पर इसकी निंदा की थी.
100 लोगों ने सरकार को लिखा था पत्र
सशस्त्र बलों के पांच पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ, ब्यूरोक्रेट्स और देश के प्रमुख नागरिकों सहित कुल 100 लोगों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारतीय मुसलमानों का नरसंहार करने वाले बयानों को लेकर पत्र लिखा था. पत्र के माध्यम से देश की अखंडता की सुरक्षा का अह्वान किया गया था.
धर्म संसद में मुसलमानों के खिलाफ कही गई बातों के प्रमुख चेहरे नरसिम्हानंद का एक और वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उसे पुलिस के साथ हंसते हुए देखा गया था. वीडियो में नरसिम्हानंद को यह कहते हुए साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वह पुलिसकर्मी की ओर इशारा करते हुए कहता है कि ये लड़का हमारी तरफ होगा.
हालांकि दिल्ली और हरिद्वार के मामलों में अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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