नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने शुक्रवार को मुंबई हाईकोर्ट में कहा कि वे एल्गार परिषद मामले में फिलहाल वरवर राव के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाएंगे. बता दें राव को 22 फरवरी को 6 महीने की बेल मिली थी. 5 सितंबर को उन्होंने बेल को बढ़ाने के लिए कोर्ट में याचिका लगाई थी.
कोर्ट में क्या हुआ
कोर्ट में वक्त की कमी होने के चलते मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई. लेकिन वरवर राव के वकील ने कोर्ट से फौरी राहत की अपील की. इसके बाद एनआईए ने कहा कि वे फिलहाल वरवर राव के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करेंगे. एनआईए से भरोसा मिलने के बाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए 6 सितंबर का दिन तय किया है.
वरवर राव की तरफ से कोर्ट में सीनियर एडवोकेट आनंद ग्रोवर ने जस्टिस एस एस शिंदे और जस्टिस एन जे जामदार की डिवीजन बेंच के सामने पैरवी की. ग्रोवर ने कहा कि राव की जमानत की अवधि खत्म होने वाली है, जिसके बाद उन्हें तलोजा जेल जाना पड़ता. राव को 5 सितंबर को सरेंडर करना था.
लेकिन एनआईए की तरफ से एडीशनल सॉलिसटर जनरल अनिल सिंह ने भरोसा दिलाया कि अगर राव 5 सितंबर को सरेंडर नहीं करते हैं, तो फिलहाल राव के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं की जाएगी, क्योंकि उसके अगले ही दिन कोर्ट मामले में सुनवाई करने वाला है.
बता दें कोर्ट ने वरवर राव को 22 फरवरी को 50,000 रुपये के मुचलके पर सशर्त जमानत दी थी. इन शर्तों के तहत राव को एनआईए के स्पेशल कोर्ट, मुंबई के क्षेत्राधिकार में ही रहने की बाध्यता थी.
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